पाकिस्तानी मंत्री ने की भारत के पंजाबी सैनिकों को भड़काने की कोशिश, अमरिंदर ने कर दी बोलती बंद
नई दिल्ली- जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को समझ नहीं आ रहा है कि वह ऐसा क्या कर दे, जिससे भारत परेशान हो जाए। रोज नए-नए हथकंडे अपना रहा है। कभी वहां के लोग भारत के मुट्ठीभर राजनेताओं को अपना पैरोकार बताने की कोशिश करते हैं तो कभी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रोपेगेंडा खड़ा करने की कोशिश की जा रही है। भारत के खिलाफ उलट बयानी के लिए तो लगता है कि इमरान खान ने अपने एक बड़बोले मंत्री फवाद चौधरी को खास ड्यूटी दे रखी है। उन्होंने अबकी बार ट्विटर के जरिए भारत के पंजाबी सैनिकों को भड़काने की कोशिश की है। लेकिन, दूसरे का जवाब आने से पहले ही पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें जमकर लताड़ लगाई है और आईना दिखा दिया है।
गलतफहमी में न रहे पाकिस्तान
पाकिस्तान के मंत्री फवाद चौधरी ने ट्विटर के जरिए भारतीय सैनिकों में पंजाबियों के नाम पर दरार पैदा करने की चाल चली। लेकिन, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को तुरंत भांप लिया और फवाद चौधरी को ट्विटर पर ही खूब खरी-खोटी सुनाई। अमरिंदर ने पाकिस्तान से दो टूक कहा कि वह इस गलतफहमी में न रहें कि वह भारतीय सैनिकों को भ्रमित कर देंगे। अमरिंदर ने कहा कि पाकिस्तान भारतीय सैनिकों को अपनी आर्मी की तरह न समझे।
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अमरिंदर ने फवाद चौधरी को धो डाला
दरअसल, मंगलवार को इमरान के बड़बोले विज्ञान मंत्री फवाद चौधरी ने ट्विटर पर लिखा, "मैं भारतीय सेना के सभी पंजाबियों से अपील करता हूं कि कश्मीर में अन्याय का हिस्सा न बनें और ड्यूटी करने से मना कर दें।" पाकिस्तानी मंत्री की यही गुस्ताखी भारतीय सेना के पूर्व कैप्टन अमरिंदर सिंह को नागवार गुजरी। उन्होंने फवाद को जवाब देते हुए लिखा कि, "भारत के आंतरिक मामले में दखल देने की कोशिश करना बंद कर दें। और मैं आपको बताना चाहता हूं फवाद चौधरी कि आपकी सेना के विपरीत, भारतीय सेना एक अनुशासित और राष्ट्रवादी फोर्स है। आपका भड़काऊ बयान काम नहीं आने वाला और ना ही हमारी सेना के जवान आपके विभाजनकारी बयानों से प्रभावित होने वाले हैं।" हाल में ऐसा भी हो चुका है कि बड़बोलेपन के कारण फवाद चौधरी की पाकिस्तानी संसद के अंदर विपक्षी सांसद के साथ मारपीट तक की नौबत आ चुकी है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ठोकरें खा रहा है पाकिस्तान
केंद्र सरकार ने जब से जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का फैसला किया है, पाकिस्तान अपना होशोहवास खो चुका है। वह भारत के इस आंतरिक मसले में टांग अड़ाने के लिए दुनिया भर की चक्कर काट रहा है। उसने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा परिषद तक से इसमें दखल देने की मांग की है। जबकि, हकीकत ये है कि अभी तक उसे कहीं से भी कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है। पैंतरेबाजियों के लिए कुख्यात चीन उसे दिलासा जरूर दे रहा है, लेकिन भारत के अंदरूनी मामलों में दखल देने की कीमत क्या हो सकती है, यह सोचकर वह भी कदम बढ़ाने की हिमाकत नहीं कर रहा है।
निराशा और हताशा में डूबा पाकिस्तान
निराशा और हताशा की स्थिति में पाकिस्तानी सेना कभी एलओसी पर मूवमेंट बढ़ा रही है तो कभी आतंकियों को भारत में ठेलने की चाल चल रही है। जबकि, अमेरिका जैसा देश भी अब इस मामले में अपना कदम पीछे खींच चुका है। यही वजह है कि पाकिस्तान अब ऐसे-ऐसे हथकंडे अपनाने की कोशिश कर रहा है कि वह भारत के भीतर ही मतभेद पैदा कर दे। क्योंकि, उसे पता है कि जब तक कश्मीर की बात को सुलगा कर रखेगा, तभी तक वहां पले-बढ़े आतंकी और कट्टरपंथियों का ध्यान भटका रहेगा; और अगर कश्मीर में वह कुछ नहीं कर पाया तो वहां गृहयुद्ध की चिंगारी भड़कने का भी खतरा मंडरा सकता है।