Alwar Gangrape: पति को बांध, पत्नी का हुआ था रेप, पढ़ें अलवर गैंगरेप की पूरी घटना जिसमें दोषियों को हुई उम्रकैद
Alwar Gangrape:पति को बांध, पत्नी का हुआ था रेप,पढ़ें अलवर गैंगरेप की पूरी घटना जिसमें दोषियों को हुई उम्रकैद
जयपुर: राजस्थान के अलवर गैंगरपे (Alwar Gangrape) मामले में एक विशेष अदालत ने मंगलवार (6 अक्टूबर) को सभी पांचों आरोपियों को दोषी माना है। इसमें से चार आरोपी को रेप के लिए उम्रकैद की सजा हुई है, वहीं एक आरोपी को रेप का वीडियो वायरल करने के लिए आईटी एक्ट में दोषी करार दिया गया है। उसे पांच साल की सजा सुनाई गई है। लोकसभा चुनाव 2019 के वक्त ये घटना अप्रैल में हुई थी और राजस्थान पुलिस ने एफआईआर मई में लिखी थी। हाथरस केस जैसे ही इस घटना ने भी देश को झकझोर कर रख दिया था। दोषी हंसराज, इंद्राज, अशोक व छोटेलाल को रेप और आईटी एक्ट में दोषी माना गया है, जबकि मुकेश आईटी एक्ट में दोषी पाया गया है। आइए जानें ये पूरी घटना
पति को बंधक बनाकर पीड़िता का हुआ था गैंगरेप
अलवर गैंगरपे (Alwar Gangrape) की वारदात 26 अप्रैल 2019 की है। राजस्थान पुलिस ने इस मामले में एफआईआर 2 मई 2019 को लिखी थी। एफआईआर के मुताबिक 19 साल की दलित विवाहित महिला और उसके पति को पांच बाइक सवार युवकों ने अलवर थानागाजी राजमार्ग से अगवा किया था। उसके बाद उन्हें वहां से किसी रेतीली जगह पर ले गया था। यहां पर आरोपियों ने पति को बंधक बनाकर महिला का उसके सामने रेप किया था।
गैंगरेप का किया गया था वीडियो वायरल
एफआईआर के मुताबिक पीड़िता का रेप के दौरान आरोपियों ने वीडियो भी बनाया था। जिसे बाद में सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था। आरोपियों ने पीड़िता के रेप के बाद पति के 2 हजार रुपये भी लूट लिए।
एफआईआर के मुताबिक इस घटना के बाद आरोपियों ने 28 अप्रैल को पीड़िता और उसके पति से 10 हजार रुपये की मांग की थी। उन्होंने धमकी दी थी कि अगर पैसे नहीं मिले तो वह वीडियो वायरल कर देंगे।
राजस्थान पुलिस पर लगे थे लापरवाही के आरोप
महिला और उसके पति ने आरोप लगाया था कि उन्होंने 30 अप्रैल को इस मामले की शिकायत पुलिस से की थी। लेकिन पुलिस ने जानबूझकर सात दिनों तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस द्वारा मामला दर्ज नहीं किए जाने के बाद एसएचओ सहित पूरा स्टाफ, डीएसपी, एएसपी ओर एसपी को राज्य सरकार से हटा दिया गया था।
जिसके बाद 18 मई 2019 को थानागाजी पुलिस ने 5 आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप, धमकी, अवैध वसूली, आईटी एक्ट और एससी-एसटी एक्ट में दोषी मानते हुए चार्जशीट पेश की थी।
इस मामले में कोर्ट में 11 सितंबर 2020 को पूरी सुनवाई खत्म हुई। जिसके बाद कोर्ट ने आज 6 अक्टूबर को अपना फैसला सुनाया है। चार आरोपियों को उम्रकैद और एक आरोपी को 5 साल की सजा हुई है।
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