पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक पद से हटाया
नई दिल्ली। सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को पद से हटा दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने गुरुवार को दूसरी बैठक में उनको हटाने को फैसला किया। केंद्रीय जांच ब्यूरो के प्रमुख आलोक वर्मा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता मलिकार्जुन खड़गे और जस्टिस एके सीकरी की सदस्यता वाली सलेक्शन पैनल ने पद से हटाया है। पीएम मोदी के आवास पर करीब ढाई घंटे तक चली बैठक में फैसला लिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ही आलोक वर्मा को उनके पद पर बहाल कर दिया था, जिन्हें सरकार ने करीब ढाई महीने पहले जबरन छुट्टी पर भेज दिया था।
जस्टिस सीकरी और पीएम मोदी वर्मा को हटाने के पक्ष में रहे
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के फैसले को गलत मानते हुए उन्हें वापस बहाल कर दिया था। अदालत ने कहा था कि सेलेक्शन पैनल वर्मा के पद पर बने रहने या हटाने पर फैसला करे। इसके बाद सेलेक्शन पैनल की बुधवार को हुई बैठक बेनतीजा रही। गुरुवार को फिर से बैठक हुई और इसमें 2-1 से वर्मा को हटाने का फैसला लिया गया। पीएम मोदी और जस्टिस सीकरी ने वर्मा को हटाने और खड़गे ने पद पर बने रहने के पक्ष में राय दी।
वर्मा ने लिए थे ताबड़तोड़ फैसले
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सीबीआई निदेशक का पदभार ग्रहण करते ही आलोक वर्मा दनादन फैसले लिए थे। उन्होंने एम नागेश्वर राव के बतौर निदेशक रहते हुए वर्मा के कई नजदीकी अधिकारियों के तबादले के आदेश को वर्मा ने रद्द कर दिया है। वर्मा ने जेडी अजय भटनागर, डीआईजी एमके सिन्हा, डीआईजी तरूण गौबा, जेडी मुरुगेशन और एडी एके शर्मा का ट्रांसफर कर दिया।
सीबीआई चीफ का कार्यभार संभालने के साथ ही आलोक वर्मा ने किए पांच और ट्रांसफर
बीते साल अक्टूबर में सामने आया था विवाद
सीबीआई के दो शीर्ष अफसरों के बीच रिश्वत लेने के आरोप और इस पर विवाद के बाद केंद्र सरकार ने आलोक वर्मा को 23 अक्टूबर 2018 को जबरन छुट्टी पर भेज दिया था। इसके बाद वो इस फैसले के खिलाफ मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और कोर्ट ने केंद्र सरकार के फैसले को रद्द करते हुए आलोक वर्मा को फिर से बहाल करने का आदेश दिया। साथ ही कोर्ट ने सेलेक्शन पैनल को उनके पद पर बने रहने को लेकर फैसला लेने को कहा।