सरकार के आदेश के बाद भी नौकरी पर नहीं लौटे आलोक वर्मा, गृह मंत्रालय ले सकता है एक्शन
नई दिल्ली। सीबीआई के डायरेक्टर पद से हटने के बाद भी आलोक वर्मा की मुसीबत कम नहीं हो रही है। अब उनके खिलाफ गृहमंत्रालय ने कार्रवाई की तैयारी शुरू की है। यह कार्रवाई उनके नौकरी पर न लौटने के मामले में किए जाने की बात कही जा रही है। ऐसा गृहमंत्रालय के सूत्रों का कहना है। सीबीआई डायरेक्टर पद से वर्मा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली कमेटी ने बीते दिनों हटाकर महानिदेशक दमकल सेवा बना दिया था। मगर वर्मा ने यह जिम्मेदारी संभालने की जगह इस्तीफा दे दिया था। सरकार ने इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। सूत्र बता रहे हैं कि अब गृहमंत्रालय आलोक वर्मा के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी में है।
एक दिन के लिए विभाग ज्वाइन करने के लिए कहा गया
गृह मंत्रालय ने आलोक वर्मा से कहा है कि वह नई जिम्मेदारी को संभाले। बुधवार को गृह मंत्रालय की ओर से पत्र भेजा गया है जिसमे कहा गया है कि आपको निर्देश दिया जाता है कि आप फायर सर्विस के डीजी, सिविल डिफेंस एंड होम गार्ड का पद तत्काल प्रभाव से संभाले। ऐसे में अगर आलोक वर्मा कार्यभार संभालते हैं तो सिर्फ एक दिन का होगा। 1 जनवरी को सीबीआई के मुखिया पद से हटाए जाने के बाद आलोक वर्मा ने कहा था कि उन्हें सेवानिवृत्त समझा जाए। उन्होंने कहा कि मैं सीबीआई के डायरेक्टर पद पर सिर्फ 31 जनवरी तक के लिए नियुक्त किया गया था और 31 जनवरी 2019 को ही मेरा कार्यकाल खत्म हो रहा था। आपको बता दें कि सीबीआई के डायरेक्टर का पद दो साल के लिए होता है।
लेकिन सीबीआई में अंतर्कलह के बाद आलोक वर्मा का छुट्टी पर भेज दिया गया था। सरकार के आदेश के बाद आलोक वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फिर से बहाल कर दिया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सेलेक्ट कमेटी ने उन्हें एक बार फिर से सीबीआई के डायरेक्टर के पद से हटाते हुए फायर सर्विस डीजी, सिविल डिफेंस एंड होम गार्ड्स का पद संभालने का निर्देश दिया था। सेलेक्ट कमेटी के फैसले का विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने विरोध किया था, लेकिन जस्टिस एके सीकरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले का स्वागत किया।
अभी खाली है सीबीआई चीफ का पद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली चयन समिति देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई के निदेशक पर फैसला करने के लिए शुक्रवार को बैठक करेगी। सीबीआई अभी किसी नियमित प्रमुख के बिना ही काम कर रहा है। समिति की यह दूसरी बैठक होगी, क्योंकि 24 जनवरी को हुई बैठक बेनतीजा रही थी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे इस समिति के सदस्य हैं। बता दें कि वर्मा के जाने के बाद सीबीआई प्रमुख का पद 10 जनवरी से ही खाली पड़ा है।