देश की पहली महिला फ्लाइट कमांडर शालिजा धामी ने कहा-'Aircraft नहीं जानता कि उसे मर्द उड़ा रहा है या औरत'
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर महिला सशक्तिकरण की ही बात होती है। वुमेंस डे 8 मार्च को है और इस दिन हर महिला के सम्मान और समानता की बात की जाती है। दुनिया ने समय-समय पर नारी शक्ति को देखा और समझा है, चाहे वो कोई भी क्षेत्र हो। आज के समय में महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। इस बीच महिला दिवस को लेकर भारत की पहली फ्लाइट कमांडर का दर्जा प्राप्त कर इतिहास रचने वालीं शालिजा धामी ने कुछ कहा है। उनका कहना है कि भारतीय वायुसेना में महिला ऑफिसर पिछले 3 दशक से काम कर रही हैं, लेकिन इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि एयरक्राफ्ट को कोई पुरुष उड़ा रहा है या फिर कोई महिला अधिकारी। आपकी यात्रा की सबकुछ कहती है, चाहे हम इसे करने में सक्षम हों या नहीं।
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शालिजा धामी ने आगे कहा है कि मुझे भारतीय वायुसेना में अपनी सेवाएं देते हुए 17 साल हो गई हैं और मैंने ये सीखा है कि अगर हम अपने कार्य को करने में असमर्थ होते हैं तो मौके को खो देते हैं।
It will be almost three decades for woman officers in IAF. Aircraft doesn't know whether it's a male or female officer who is flying it. It is the journey to sit in the aircraft that says everything -- whether we'll be able to do it or not: Wing Commander Shaliza Dhami (1/2) pic.twitter.com/JJjYkkHtxI
— ANI (@ANI) March 7, 2021
कौन हैं शालिजा?
आपको बता दें कि शालिजा को पिछले साल भारतीय वायुसेना में महिला फ्लाइट कमांडर की जिम्मेदारी दी गई थी। ये जिम्मेदारी मिलने के साथ ही शालिजा ने इतिहास रच दिया था। उस वक्त शालिजा को हिंडन एयरबेस पर चेतक हेलिकॉप्टर यूनिट की फ्लाइट कमांडर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। शालिजा इससे पहले भी पहली महिला फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर रह चुकी हैं और फ्लाइंग ब्रांच की स्थाई कमीशन प्राप्त करने वाली पहली महिला हैं।
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