हाथरस कांड: पीड़ित परिवार और अफसरों के बयान दर्ज हुए, अगली सुनवाई 2 नवंबर को
नई दिल्ली। हाथरस गैंगरेप कांड को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सोमवार को सुनवाई की। दो जजों की बेंच के सामने पीड़िता के परिवार ने अपना पक्ष रखा। मामले में अगली तारीख 2 नवंबर है। हाथरस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष यूपी सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता वी.के. शाही ने कहा कि, कोर्ट ने पीड़ित परिवार के लोगों से पूछताछ की है। हमारे उच्च अधिकारियों से भी कोर्ट ने पूछताछ की है। मामला अभी विचाराधीन है।
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हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई दोपहर 2:15 बजे जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस राजन रॉय की पीठ के समक्ष शुरू हुई। अदालत में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पीड़ित परिवार का बयान रिकॉर्ड कराया। इसके अलावा अदालत ने हाथरस के डीएम, एसपी और अन्य अधिकारियों से पूछताछ की। अदालत में अपर मुख्य सचिव, डीजीपी और स्थानीय प्रशासन के अफसरों से कई सवाल किए गए। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पुलिस प्रशासन को फटकार लगाई है।
पीड़िता के परिजनों ने कोर्ट में भी कहा कि अंतिम संस्कार उनकी सहमति के बिना रात के समय कर दिया गया। परिजनों ने यह भी कहा कि अंतिम संस्कार में हमें शामिल तक नहीं किया गया। परिजनों ने आगे जांच में फंसाए जाने की आशंका जताई है, साथ ही परिवार की सुरक्षा मांगी है। पीड़ित परिवार के आरोपों का जवाब देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि, अंतिम संस्कार के समय वहां काफी लोग जमा थे। कानून-व्यवस्था बिगड़ने की वजह से अंतिम संस्कार का फैसला लिया। डीएम के बयान के दौरान पीड़िता के परिजनों ने टोकते हुए सवाल किया कि वहां भारी तादाद में पुलिस बल मौजूद था तो कानून व्यवस्था कैसे खराब होती?
वहीं हाथरस परिवार की वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि, पीड़ित परिवार की मांग है कि सीबीआई की रिपोर्ट गोपनीय रखी जाए। हमने के को यूपी से बाह ट्रांसफर करने की भी मांग की है। तीसरी मांग है कि केस खत्म होने तक परिवार को पूरी सुरक्षा दी जाए।
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