ईमानदारी के कारण 11 साल में अफसर के हुए 14 ट्रांसफर, आखिर अब जाकर मिली राहत
अपनी ईमानदारी के कारण कई बार ट्रांसफर की सजा भुगत चुकीं अधिशासी अधिकारी अमिता वरुण को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहत दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वरुण के ट्रांसफर पर नाराजगी जताते हुए कहा कि है कि उनका बेवजह बार-बार तबादला न किया जाए।
इलाहाबाद। अपनी ईमानदारी के कारण कई बार ट्रांसफर की सजा भुगत चुकीं अधिशासी अधिकारी अमिता वरुण को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहत दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वरुण के ट्रांसफर पर नाराजगी जताते हुए कहा कि है कि उनका बेवजह बार-बार तबादला न किया जाए। अमिता वरुण का पिछले 11 सालों में 14 ट्रांसफर हो चुके हैं। अपने 15वें ट्रांसफर को उन्होंने इलाहाबाद में चुनौती दी थी।
जज सुधीर अग्रवाल और नीरज तिवारी की पीठ ने राजनैतिक दबाव में आकर वरुण का बार-बार ट्रांसफर करने पर अधिकारियों पर गुस्सा जाहिर किया है। पीठ ने तबादला करने वाले निदेशालय के निदेशक पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया है। हाईकोर्ट ने कहा दबाव में आकर ईमानदार अधिकारियों का ट्रांसफर शक्तियों का दुरुपयोग है। 'एक बोल्ड अधिकारी का इसलिए ट्रांसफर किया जा रहा है क्योंकि वो नेताओं की इच्छा के उलट काम कर रही है। बार-बार ट्रांसफर ईमानदार अधिकारी को हतोत्साहित करने वाला कदम है।'
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गढ़मुक्तेश्वर नगर पालिका परिषद में अधिशासी अधिकारी अमिता वरुण की छवि एक ईमानदार अफसर की है। वो राजनेताओं को खुश करने के लिए काम नहीं करतीं। इसलिए उनकी अपने से वरिष्ठ अधिकारियों और नेताओं से ठनी रहती है। पिछले 11 सालों में अमिता वरुण का 14 बार ट्रांसफर हो चुका है।
अकेले 2016 में उनका तीन बार तबादला किया गया। 12 अप्रैल, 2018 में उनका 15वीं बार ट्रांसपर कर गढ़मुक्तेश्वर नगर पालिका परिषद से एटा भेजा गया। इस ट्रांसफर को वरुण ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने उनकी याचिका स्वीकारते हुए तबादले पर रोक लगा दी।
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