लोकसभा चुनाव प्रचार में इन हेलीकॉप्टरों और छोटे प्लेन की डिमांड बढ़ी, मई तक बुकिंग फुल
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए राजनीतिक पार्टियां दम-खम भरने लगी है। धीरे-धीरे चुनाव प्रचार की शुरुआत भी हो चली है। यहां तक की चुनाव प्रचार के लिए छोटे फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टरों को किराए पर लेने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। उड्डयन उद्योग के लोगों की माने तो 2019 का लोकसभा चुनाव के लिए उनके पास हाउसफुल है। मतलब वो पूरी तरह से बुक हैं।
चुनावी रैली करने जाने के लिए लेते हैं छोटे प्लेन और हेलीकॉप्टर का सहारा
बता दें कि विभिन्न दलों के राजनेता और स्टार प्रचारक चुनाव प्रचार में एक जगह से दूसरे जगह आने जाने के लिए चार्टर्ड प्लेन या फिर छोटे विमानों से यात्रा करते हैं। जबकि कुछ हेलीकॉप्टरों की मदद से आना जाना करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि हेलीकॉप्टर कम से कम समय में ज्यादा दूरी तय करता है ऐसे में बाई रोड जाना नेताओं के लिए आरामदायक भी नही होता और समय की बचत भी नहीं होती है। लिमिटेड टाइम होता है इसलिए विमानों और हेलीकॉफ्टरों की मदद की ली जाती है।
देश में लगभग 275 पंजीकृत नागरिक हेलीकॉप्टर हैं
आपको बता दें कि कई विकसित देश ऐसे हैं जहां चुनाव प्रचार के लिए हेलीकॉप्टर या फिर छोटे विमान उपलब्ध नहीं होते हैं क्योंकि चुनाव से पहले ही चार्टर कंपनियों किल कर दिया जाता है। पश्चिमी रोटरी विंग सोसाइटी ऑफ इंडिया (RWSI) के अध्यक्ष कैप्टन उदय गेली के अनुसार देश में लगभग 275 पंजीकृत नागरिक हेलीकॉप्टर हैं। इनमें केंद्र या राज्य सरकारों, कॉरपोरेट्स, सार्वजनिक या निजी क्षेत्र के उपक्रमों और उन लोगों के स्वामित्व वाले हेलिकॉप्टर भी शामिल हैं।
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मई तक बुकिंग पूरी
मुंबई स्थित विमानन विशेषज्ञ प्रदीप थम्पी ने कहा कि छोटे फिक्स्ड विंग विमानों के अलावा सिंगल -इंजन वाले विमान को विभिन्न कारणों से चुनाव से संबंधित उद्देश्यों के लिए अनुमति नहीं है, लेकिन ट्विन और मल्टीपल इंजन टर्बो-प्रॉप्स बहुत मांग में हैं। थम्पी ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया कि पायलट प्लस पांच किंग एयर सी90 और दो पायलट प्लस आठ किंग एयर बी200 की मांग ज्यादा है। भारत में इनकी अनुमानित संख्या दो दर्जन है लेकिन अभी उपलब्ध नहीं। मई के तीसरे सप्ताह तक बुकिंग पूरी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि टॉप के नेता जैसे की बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह या फिर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जैसे बड़े नेता छोटे विमानों और हेलीकॉप्टरों में यात्रा नहीं करेंगे। क्योंकि इसके पीछे भी कई कारण हैं।
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