सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने उठाया फारूक का मुद्दा, संसद सत्र में आने देने की मांग
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नई दिल्ली- सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष ने नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को आने की इजाजत मांगी है। गौरतलब है कि रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में 27 पार्टियां शामिल हुईं। जिसमें सरकार की ओर से खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी भी शामिल हैं।
सर्वदलीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके बताया, "आज सुबह सर्वदलीय बैठक में उपस्थित हुआ। इस बार हम राज्यसभा का 250वां सत्र मना रहे हैं। दोनों सदनों में हम नागरिकों को सशक्त बनाने और भारत के विकास को आगे बढ़ाने के तरीकों पर रचनात्मक बहस करेंगे।"
सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा- 'फारूक अब्दुल्ला साहब, जो तीन महीने से ज्यादा वक्त से हिरासत में हैं, संसद के शीतकालीन सत्र में शामिल होने की इजाजत देनी चाहिए।'
लगे हाथ आजाद ने अपनी पार्टी के नेता चिदंबरम के लिए भी ऐसी ही मांग सरकार के सामने रख दी। उन्होंने कहा- 'अतीत में ऐसे उदाहरण हैं कि जिन सांसदों के मुकदमों की सुनवाई हो रही होती थी, उन्हें भी संसद सत्र में उपस्थित होने की अनुमति दी गई है। इसलिए पी चिदंबरम को भी शीतकालीन सत्र में आने की इजाजत दी जानी चाहिए।'
इस बैठक में नेशनल कांफ्रेंस ने अपने सुप्रीमो फारूक अब्दुल्ला की हिरासत का मुद्दा भी उठाया। इस बैठक में विपक्ष के कई बड़े नेताओं ने भी शिरकत की है। संसदीय कार्यमंत्री जोशी के मुताबिक प्रधानमंत्री ने सभी दलों से कहा है कि सरकार सदन के नियमों और प्रक्रिया के तहत सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने ये भी कहा कि ये सत्र भी उतना ही प्रोडक्टिव होनी चाहिए जैसा कि संसद का पिछला सत्र रहा था।
इस बैठक में कांग्रेस की ओर से लोकसभा में उसके नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद और राज्यसभा में पार्टी के उपनेता आनंद शर्मा शामिल हुए। बता दें कि सोमवार से शुरू हो रहा संसद सत्र 13 दिसंबर तक चलेगा।
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