मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने हलाला को गैर इस्लामिक बताया
नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने हलाला के मुद्दे पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि इसका इस्लाम से कोई लेना देना नहीं है। बोर्ड की ओर से कहा गया है कि हलाला को इस्लाम की चीज बताकर, बनाकर पेश किया है और पूरे देश में जिस हलाला को इस्लाम की तरफ मंसूब किया गया और इस्लाम की चीज कहा गया उसका इस्लाम से कोई लेना देना नहीं है। बोर्ड ने कहा कि हलाला के जरिए मुसलमानों को बदनाम करने और औरतों पर जुल्म करने का ताना दिया गया, लेकिन उस हलाला का इस्लाम से कोई तालुक नहीं है।
हलाला गुनाह है
पर्सनल लॉ बोर्ड ने हलाला को गैर इस्लामिक बताते हुए कहा कि इसका इस्लाम से कोई लेना देना नहीं है। आपको बता दें कि निकाह हलाला और बहुविवाद की वैधानिकता पर जल्द ही सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना है। ऐसे में कोर्ट के फैसले से पहले बोर्ड ने हलाला को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। बोर्ड के सेक्रेटरी और सोशल मीडिया प्रभारी मौलाना मोहम्मद उमरैन महफूज ने कहा कि इस्लाम में हलाला की कोई गुंजाइश नहीं है, यह हराम है, गलत और गुनाह है। इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता है।
हमे बदनाम किया जा रहा
मौलाना ने कहा कि तीन तलाक के नाम पर शरियत और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को बदनाम किया जाता है, अलग-अलग तरह की अफवाह फैलाई जाती है। लेकिन लोगों तक सही जानकारी पहुंचाकर हम इस अफवाह को फैलने से रोकेंगे। इसके लिए बकायदा एक सोशल मीडिया डेस्क स्थापित की गई है, जोकि लोगों के बीच फैलने वाली गलत जानकारी और अफवाह को रोकेगी।
सोशल मीडिया पर रोकेंगे अफवाह
मौलाना महफूज ने कहा कि हम फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप सहित तमाम सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर लोगों को सही जानकारी मुहैया कराने की कोशिश कर रहे हैं, साथ ही लोगों के सवालों के जवाब देने के लिए हेल्प डेस्क बनाया गया है जो तुरंत उनके सवाल का जवाब देगा। गौर करने वाली बात है कि पिछले दिनों हलाला और बहुविवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिसे कोर्ट ने इस मामले की मुख्य याचिका से जोड़ते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था।
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