जानिए केबीसी में आने वाली आईएनएसवी तारिणी की टीम के बारे में
मुंबई। कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी 10) में शुक्रवार को इंडियन नेवी की वे छह लेडी ऑफिसर्स शामिल थीं जिन्होंने हाल में समंदर के रास्ते पूरी दुनिया को नापा है। आईएनएसवी तारिणी की टीम केबीसी के मंच पर मेगास्टार अमिताभ बच्चे की ओर से पूछे गए सवालों के जवाब दे रही थी। उत्तराखंड के पौड़ी की रहने वाली लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी ने इस पूरे मिशन को लीड किया। कुल्लू की लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जामवाल, आंध्र प्रदेश की लेफ्टिनेंट कमांडर स्वाति पी, मणिपुर की लेफ्टिनेंट विजया देवी, तेलंगाना की लेफ्टिनेंट बी ऐश्वर्या और देहरादून की रहने वाली लेफ्टिनेंट पायल गुप्ता इस पूरे मिशन का हिस्सा थीं। इन छह लेडी ऑफिसर्स ने 254 दिनों में तीन महासागर, चार महाद्वीप और पांच देशों के चक्कर लगाए।
मई 2018 में खत्म हुआ इनका सफर
केबीसी 10 के जिस एपिसोड में इन लेडी ऑफिसर्स ने हिस्सा लिया था उसे कर्मवीर नाम दिया गया था। यह एक स्पेशल एपिसोड था जिसमें इस टीम ने इनके सफर में आई मुश्किलों के बारे में बताया। इन्होंने बताया कि कैसे इन मुश्किलों के बाद भी ये बहादुर ऑफिसर्स अपनी मंजिल तक पहुंची थीं। इन लेडी ऑफिसर्स की टीम को आधिकारिक नाम नविका सागर परिक्रमा दिया गया था। जिस नाव से इन सभी महिलाओं ने अपने सफर को पूरा किया उसे पूरी तरह से भारत में निर्मित किया गया था। आईएनएसवी तारिणी को मेक इन इंडिया के तहत भारत में तैयार किया गया था। इस नाव पर सवार होकर ये छह लेडी आफिसर्स सितंबर 2017 में रवाना हुई थी और 21 मई 2018 का अपना मिशन पूरा करके भारत लौटीं। इन्होंने सफर पर बर्थडे मनाए, दिवाली सेलिब्रेट की, हर मौसम और खराब परिस्थितियों का सामना किया और कभी आपस में गोलगप्पे की ट्रीट दी तो कभी म्यूजिक सिस्टम पर गाने सुनकर मन बहलाया।
तीन वर्षों तक मिली कड़ी ट्रेनिंग
254 दिनों के सफर के दौरान 21600 मील की दूरी तय की गई। आईएनएसवी तारिणी की टीम फ्रेमेंटल ऑस्ट्रेलिया, लिट्टेलटॉन, न्यूजीलैंड, पोर्ट स्टैन्ले, फाल्कलैंड्स, केपटाउन, साउथ अफ्रीका के कुछ हिस्सों के अलावा आखिरी पड़ाव के तहत मॉरिशस पहुंची और फिर मॉरिशस से गोवा का सफर तय किया। इन सभी ऑफिसर्स को तीन वर्षों तक इस मिशन के लिए कड़ी ट्रेनिंग दी गई थी। कैप्टन दिलीप डोंडे की अगुवाई में इन महिलाओं को ट्रेनिंग मिली थी। कैप्टन डोंडे भारत के पहले ऐसे सेलर हैं जिन्होंने साल 2009 से 2010 के बीच अकेले समंदर की यात्रा पूरी की थी।
आईएनएसवी महादेई के सफर का थीं हिस्सा
इस सफर में शामिल सभी लेडी ऑफिसर्स के पास सेलिंग का अच्छा खासा अनुभव था। जहां लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी साल 2014 में महादेई पर सवार होकर ब्राजील के रियो डी जेनेरियो से केपटाउन और फिर पोर्ट ब्लेयर- विजाग-चेन्नई और कोच्चि तक का सफर पूरा कर चुकी थीं। वर्तिका समेत बाकी ऑफिसर्स के पास भी आईएनएसवी महादेई का अनुभव था। जिस सफर के लिए ये ऑफिसर्स रवाना हुई थीं, उसका मकसद नारी शक्ति, पर्यावरण और क्लाइमेट चेंज और मेक इन इंडिया को प्रमोट करना था। साथ ही समंदर में होने वाले प्रदूषण को लेकर भी लोगों को जागरूक करना था।