वैश्विक संकट के बीच जिब्राल्टर में सीज ईरानी जहाज से सभी 24 भारतीय क्रू रिहा
नई दिल्ली- ईरानी टैंकर ग्रेस 1 पर फंसे सभी 24 भारतीय क्रू मेंबर्स को रिहा करा लिया गया है। ईरानी जहाज को एक महीने से भी पहले जिब्राल्टर के अधिकारियों ने ब्रिटिश मरीन की मदद से सीज कर लिया था। भारतीय क्रू मेंबर्स की रिहाई की जानकारी विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरण ने गुरुवार को दी है।
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ग्रेस 1 से सभी भारतीय रिहा
ईरानी जहाज ग्रेस 1 में फंसे 24 भारतीयों को सुरक्षित निकालने के भारत पिछले एक महीने से लगातार प्रयास कर रहा था। भारत ने ईरान और यूनाइटेड किंगडम के बीच बढ़ते तनाव के बावजूद अपने नागरिकों की सुरक्षित रिहाई के लिए सारे राजनयिक चैनल खोल दिए थे। विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरण ने ट्वीट करके जानकारी दी है कि "वीएलसीसी ग्रेस 1 को लेकर लंदन में हमारे उच्चायुक्त से बात की है। उन्होंने वीएलसीसी ग्रेस 1 के सभी 24 भारतीय क्रू को जिब्राल्टर अधिकारियों की ओर से रिहाई की पुष्टि की है और वे भारत लौटने को स्वतंत्र हैं।"
मुश्किलों से मिली मुक्ति
रिहाई के बाद ग्रेस 1 के भारतीय कैप्टन ने काफी खुशी जताई है और कानूनी मदद देने वाले सभी लोगों को धन्यवाद दिया है। जिब्राल्टर ने भी इस बात की पुष्टि की है कि 4 क्रू मेंबर्स के खिलाफ पुलिस कार्रवाई समाप्त कर दी गई है। भारत के लिए राहत की बात ये है कि कुछ हफ्ते पहले तक क्रू मेंबर्स की रिहाई बहुत मुश्किल लग रही थी, क्योंकि तब ब्रिटेन ने उसके जहाज पर फंसे भारतीयों के बदलने इनकी रिहाई से इनकार कर दिया था। बाद में जिब्राल्टर सरकार ने कहा कि 'अमेरिका के न्याय विभाग ने भी ग्रेस 1 को कई आरोपों में सीज करने का आवेदन दिया है, जिसपर हमारे सुप्रीम कोर्ट में विचार चल रहा है।'
स्टेना इंपेरो पर फंसे हैं 18 भारतीय
ग्रेस 1 को पिछले 4 जुलाई को जिब्राल्टर के अधिकारियों ने यूरोपियन यूनियन की पाबंदियों को दरकिनार कर सीरिया को तेल पहुंचाने के आरोप में यूनाइटेड किंगडम की मदद से रोक लिया था। इसके बदले में दो हफ्ते पहले ईरान ने भी ब्रिटेन के एक तेल टैंकर को होर्मुज जलसंधि में रोक लिया था। स्टेना इंपेरो नाम के उस ब्रिटिश तेल टैंकर में भी 18 भारतीय सवार हैं, जिनकी रिहाई अभी नहीं हुई है। हालांकि, उन्हें बीच में काउंसलर एक्सेस भी मुहैया कराया गया है। पिछले हफ्ते इस जहाज के मालिक स्टेना बक ने पीएम मोदी से भी इनकी रिहाई में हस्तक्षेप करने के लिए एक चिट्ठी लिखी थी। जाहिर है कि भारत सरकार अपने नागरिकों को रिहा कराने के लिए सभी मोर्चों पर काम कर रही है। तेहरान में दूतावास के अधिकारी स्टेना इंपेरो पर सवार भारतीयों की रिहाई के प्रयासों में लगे हुए हैं।