Alibaba के फाउंडर को गुरुग्राम कोर्ट से समन, कर्मचारी को गलत तरीके से निकालने का आरोप
नई दिल्ली- दिल्ली से सटे गुरुग्राम की एक अदालत ने चाइनीज कंपनी अलीबाबा के फाउंडर जैक मा को समन भेजा है। कंपनी के एक पूर्व कर्मचारी ने उसे गलत तरीके से नौकरी से निकाले जाने का आरोप लगाते हुए कंपनी से 2 करोड़ रुपये के मुआवजे की भी मांग की है। जैक मा और अलीबाबा के खिलाफ पुष्पेंद्र सिंह परमार नाम के शख्स ने सिविल सूट दायर किया है। वह पहले अलीबाबा की यूसी वेब मोबाइल कंपनी में एसोसिएट डायरेक्टर के तौर पर काम करता था।
चाइनीज कंपनी अलीबाबा के फाउंडर जैक मा के खिलाफ दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम कोर्ट में एक सिविल केस दायर किया गया है। उसपर आरोप है कि उसने अपने एक कर्मचारी को गलत तरीके से नौकरी से निकाल दिया। इस मुकदमे की जानकारी देते हुए पीड़ित के वकील अतुल अहलावत ने बताया कि, 'मेरे क्लाइंट पुष्पेंद्र सिंह परमार ने नौकरी से गलत तरीके से निकालने के लिए अलीबाबा ग्रुप के संस्थापक जैक मा के खिलाफ सिविल सूट दायर किया है। वो अलीबाबा के यूसी वेब मोबाइल कंपनी में एक एसोसिएट डायरेक्टर के तौर पर काम करते थे। उन्होंने 2 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है।'
यह मुकदमा भारत की ओर से 57 चाइनीज ऐप पर बैन लगाने के कुछ हफ्ते बाद सामने आया है। जिन चाइनीज ऐप्स पर पाबंदी लगाई गई है, उनमें अलीबाबा का यूसी न्यूज और यूसी ब्राउजर भी शामिल है। जानकारी के मुताबिक शिकायतकर्ता ने 20 जुलाई को दायर अपने केस में आरोप लगाया है कि यूसी ब्राउजर और यूसी न्यूज चीन के खिलाफ वाले कंटेंट को रोक देते थे और भारत में सामाजिक और राजनीतिक फसाद पैदा करने वाली झूठी खबरों को जाने देते थे। इसी केस पर सुनवाई करते हुए गुरुग्राम जिला अदालत की सिविल जज सोनिया शिवकंड ने अलीबाबा, जैक मा और कंपनी के दर्जन भर लोगों को वकील के माध्यम से 29 जुलाई को पेशी का समन दिया है।
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