Alert: खतरे में हैं साढ़े चार लाख भारतीयों के डेबिट-क्रेडिट कार्ड, साफ हो सकती है सारी जमापूंजी!
According to cyber security firm Group-IB, 4 lakh 60 thousand Indian credit-debit card secrets have been stolen. According to the company, the value of these information sold on the dark net is about $ 4.2 million, or more than about Rs 30 crore. साढ़े चार लाख भारतीयों के डेबिट-क्रेडिट कार्ड खतरे मे
बेंगलुरु। भारत में क्रेडिट और डेबिट कार्ड यूजर्स के लिए एक बुरी खबर हैं। भारत के लाखों लोगों के डेबिट-क्रेडिट कार्ड यूजर्स की कार्ड की सीक्रेट जानकारी चोरी हो गई है। इसलिए लाखों लोगों के क्रेडिट और डेबिट कार्ड से जुड़े अकाउंट खतरे में हैं। बता दें भारत के करीब साढ़े चार लाख क्रेडिट और डेबिट कार्ड की जानकारी डार्क नेट (जासूसी वेबसाइट) पर बिक रही है। इसका खुलासा साइब सिक्योरिटी फर्म ग्रुप-आईबी ने किया हैं।
98 फीसदी से ज्यादा कार्ड भारत के नामी बैंकों के हैं
बता दें साइबर सिक्योरिटी फर्म ग्रुप-आईबी सिंगापुर की साइबर सिक्योरिटी कंपनी है। कंपनी के अनुसार चोरी हुई सीक्रेट इंफोर्मेंशन को अब ऑनलाइन बेचा जा रहा है। ग्रुप-आईबी के अनुसार चार लाख साठ हजार से अधिक क्रेडिट एवं डेबिट कार्ड सहित एक ऐसे डेटाबेस का पता लगाया है, जो पांच फरवरी को डार्कबेव जोकर्स स्टाश पर अपलोड किया गया है। इनमें से 98 प्रतिशत से ज्यादा कार्ड भारत के नामी बैंकों के हैं। बिक रही जानकारियों में कार्ड नंबर के साथ-साथ सीवीवी कोड भी शामिल हैं।
अब तक का दूसरा सबसे बड़ा मामला
गौरतलब है कि पिछले वर्ष अक्टूबर में कार्ड की जानकारी अपलोड किए जाने का पहला मामला सामने आया था। लेकिन कंपनी के अनुसार भारतीय कार्डधारकों के कार्ड रिकॉर्ड का अपलोड किया गया अब तक का दूसरा सबसे बड़ा रिकॉर्ड है।
30 करोड़ रुपये से भी अधिक कीमत में बिक रही जानकारी
कंपनी ने दावा किया है कि डार्क नेट पर भारतीय क्रेडिट-डेबिट कार्ड सें संबंधति बिक रही इन जानकारियों की कीमत करीब 4.2 मिलियन डॉलर है । भारतीय मुद्रा के अनुसार उनकी कीमत करीब 30 करोड़ रुपये से भी अधिक है। हालांकि अभी तक इसका पता नहीं चल पाया है कि यह अहम जानकारी जासूसी वेबसाइट के पास कैसे पहुंची। एजेन्सी इसकी जांच कर रही है।
सीईआरटी-इन को सूचित किया जा चुका है
हालांकि गु्प-आईबी नेडेबिट-क्रेडिट कार्ड की जानकारी बेचे जाने के बारे में इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) को सूचित कर दिया है। बता दें डार्क नेट वे जासूसी वेबसाइट होती हैं, जिनकी आड़ में मादक पदार्थों की तस्करी एवं अन्य गैरकानूनी काम किए जाते हैं।
दुनिया भर के 3 करोड़ डेबिट-क्रेडिट कार्ड यूजर्स कार्ड सीक्रेट हुआ था चोरी
गौरतलब है कि जनवरी के अंतिम सप्ताह में डेबिट और क्रेडिट कार्ड यूजर्स को लेकर बड़ा खुलासा हुआ था। जब दुनिया भर के लगभग 3 करोड़ लोगों और 850 स्टोर्स के क्रेडिट और डेबिट कार्ड की सीक्रेट जानकारी को ऑनलाइन बेचा जा रहा था। उसे अब तक की सबसे बड़ी डेटा चोरी माना जा रहा था। जिसको अलग-अलग जगहों पर अंजाम दिया गया था। कभी पेट्रोल डलवाते वक्त, कभी ऑनलाइन खाना मंगवाते वक्त और कभी ऑनलाइन शॉपिंग करते वक्त लोगों के कार्ड्स की जानकारी चोरी कर ली गई थी। तभी इस चोरी के विषय में जेमिनी एडवाइजरी ने बताया थ कि ये अमेरिकी कंपनी वावा (WaWa) के आउटलेट, गैस स्टेशन, फूड स्टोर्स पर क्रेडिट और डेबिट कार्ड के इस्तेमाल के दौरान लोगों के कार्ड की सीक्रेट जानकारी को चुराया गया और अब उसे जोकर के स्टैश पर ऑनलाइन बेचे जा रहा था। बता दें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म हैं जहां क्रेडिट और डेबिट कार्ड की जानकारी खरीदी और बेची जाती है।
कैसे हुई पहले ये चोरी
पिछली बार जब चोरी हुई थी उस रिपोर्ट के अनुसार क्रेडिट और डेबिट कार्ड की जानकारी को ऑनलाइन बेचा गया था। तभी जोकर के स्टैश ने दावा किया कि इसमें 30 मिलियन कार्ड्स वावा ग्राहकों के हैं। जेमिनी एडवाइजरी की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक अमेरिकी Wa Wa कंपनी के पेमेंट सिस्टम में वायरस के जरिए लोगों के कार्ड्स की जानकारी चोरी की गई। वायरस अटैक के जरिए मार्च से लेकर दिसंबर के बीच डेटा की चोरी की गई। जैसे ही कंपनी को इसकी जानकारी मिली उसे फौरन क्लीन कर दिया गया।
इन बातों का रखे ख्याल
आप किसी भी एटीएम को इस्तेमाल करने से पहले एक बार अच्छे से जांच पड़ताल कर लें। अगर वहां कुछ भी अटपटा लगे तो उस एटीएम का इस्तेमाल न करें। ऑनलाइन शॉपिंग या पेमेंट करने से पहले आपको ध्यान रखना चाहिए कि जिस लिंक पर आप हैं, क्या उसका URLसुरक्षित है कही वो फर्जी तो नहीं हैं । कभी भी अपने क्रेडिट, डेबिट कार्ड की फोटो किसी को सोशल मीडिया या मेल के थ्रू नहीं भेजे और न ही उसकी फोटो फोन में रखें। ऑनलाइन पेमेंट के समय कार्ड की डिटेल डालते समय ऑटोफिल को डिसेबल रखना चाहिए। कभी भी अपना कार्ड वेबसाइट पर सेव करके न रखें। पब्लिक और फ्री वाई-फाई इंटरनेट पर नेट बैकिंग या फोन बैंकिंग का इस्तेमाल न करें। समय-समय पर अपने डेबिट-क्रेडिट कार्ड का पासवर्ड बदलते रहें। फिशिंग ई-मेल और फर्जी फोन कॉल्स से बच कर रहें। फोन पर कोई भी ऐप इंस्टॉल करते समय उसे जरूरत के हिसाब से ही एक्सेस दें।
इसे भी पढ़े- इन बैंक के क्रेडिट कार्ड यूजर्स को झटका, 2020 से आपकी जेब पर पड़ेगा असर,बढ़ेगी ब्याज दर
CoronaVirus से क्या भारत में भी थम जाएगी ऑटो इंडस्ट्री की रफ्तार? जानें उपभोक्ता पर क्या होगा असर