पहली पंक्ति में बैठा था अखलाक लिंचिंग का आरोपी, योगी आदित्यनाथ की रैली
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्रेटर नोएडा के बिसाहड़ा में चुनावी रैली विवाद का विषय बन गई है। दरअसल इस रैली के दौरान अखलाक हत्याकांड का आरोपी योगी आदित्यनाथ की रैली में पहली पंक्ति में बैठा था, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि किसे नहीं याद है कि बिसहाड़ा में क्या हुआ था। जिस तरह से समाजवादी पार्टी ने की सरकार ने हमारी भावनाओं का कुठाराघात किया यहां पर किया था, उसे कोई नहीं भूला। योगी आदित्यनाथ ने यह बयान रविवार को बिसाहड़ा में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए दिया। योगी आदित्यनाथ गौतमबुद्ध नगर से भाजपा प्रत्याशी महेश शर्मा के लिए चुनाव प्रचार करने के लिए पहुंचे थे।
भैंसे, सांड़ हो जाते थे चोरी
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर आप पश्चिमी यूपी में बैलगाड़ी या भैंसागाड़ी से जा रहे हैं और रास्ते में कहीं तंबाकू की दुकान पर, चाय की दुकान पर रुकते हैं तो भैंस-सांड़ चोरी हो जाएंगे। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि जब हम सत्ता में आए तो हमने सभी अवैध बूचड़खानों को एकसाथ बंद करवा दिया। बता दें कि अखलाक हत्याकांड का मुख्य आरोपी विशाल सिंह राणा जोकि स्थानी भाजपा कार्यकर्ता संजय सिंह राणा का बेटा है, उसपर आरोप है कि अखलाक के घर जो भीड़ हमला करने के लिए गई थी वह भी उसमे शामिल था, उसके साथ पुनीत नाम का आरोपी भी शामिल था।
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10 अप्रैल को होनी है सुनवाई
बता दें कि विशाल के खिलाफ इस मामले में आईपीसी की धारा 302 यानि हत्या का मामला दर्ज है। हालांकि अभी तक आरोप तय नहीं हुए हैं, यह मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में लंबित है। मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होनी है। एफआईआर में पुनीत का नाम शामिल नहीं था, उसे तीन महीने पहले अखलाक की बेटी शाइस्ता के बयान के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में सभी आरोपियों को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2017 में जमानत दे दी थी, जिसमे विशाल सिंह भी शामिल है। विशाल ने कहा कि मैं रैली के दौरान अन्य लोगों के शामिल था, हम सभी भाजपा का समर्थन कर रहे हैं।
आतंकियों के खिलाफ पहले नरम रुख बरता जाता था
गौरतलब है कि अखलाक हत्याकांड के बाद सभी आरोपी वापस गांव लौट चुके हैं, जबकि घटना के तुरंत बाद ही अखलाक का परिवार गांव छोड़कर चला गया था। रैली के दौरान भाजपा नेता ने यूपीए सरकार पर आरोप लगाया कि उनकी सरकार में आतंकियों के साथ नरम रुख अख्तियार किया जाता था, आतंकियों को बिरयानी खिलाई जाती थी। लेकिन भाजपा सरकार में आतंकियों से निपटने का दो ही रास्ता है बुलेट या बम। उन्होंने कहा कि भाजपा जब सत्ता में नहीं थी तो कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे म्युजिक बजाने की इजाजत नहीं थी, लेकिन हमने श्रद्धालुओं को यह अनुमति दे दी है।
जाति के आधार पर लोगों को बांटा गया
योगी आदित्यनाथ ने आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने लोगों को जाति के आधार पर बांटने का काम किया। लेकिन मोदी सरकार सबका साथ सबका विकास के मंत्र पर काम कर रही है। इससे पहले जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तो कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा था कि कुछ समुदायों का देश के संसाधनों पर पहला अधिकार है। योगी ने आरोप लगाया कि पिछली सरकारें बहुसंख्यक लोगों का शोषण कर रही थीं और उनके खिलाफ फर्जी मामले दर्ज कराए गए, दंगे भड़ाकाने की पृष्ठभूमि तैयार की गई।
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