गठबंधन से अलग हुईं मायावती तो बोले अखिलेश, कभी-कभी प्रयोग सफल नहीं होते लेकिन...
नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों में यूपी में महागठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा। वहीं, चुनाव नतीजों के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन तोड़ते हुए उपचुनाव में अकेले उतरने का ऐलान कर दिया। मायावती ने लोकसभा चुनावों में हार के लिए समाजवादी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया था। मायावती के इस फैसले के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया आई है।
सारे विकल्प खुले- अखिलेश यादव
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बसपा के साथ गठबंधन कर लोकसभा चुनाव लड़ने के फैसले पर कहा, ' मैं इंजीनियर हूं और एक प्रयोग किया था, लेकिन कभी-कभी आप प्रयोग में सफल नहीं होते हैं, फिर भी आपको कमजोरियों के बारे में पता चल जाता है।' अखिलेश यादव बोले, 'मायावती के लिए मैंने पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी कहा था कि मेरा सम्मान उनका सम्मान होगा, मैं अब भी वही कहता हूं।' अखिलेश ने कहा कि जहां तक गठबंधन या अकेले चुनाव लड़ने की बात है, सभी राजनीतिक विकल्प खुले हैं।
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सभी राजनीतिक विकल्प खुले- अखिलेश
उपचुनाव लड़ने को लेकर पूछे गए सवाल पर सपा अध्यक्ष ने कहा कि वे पार्टी के सभी नेताओं से बात करेंगे और भविष्य के लिए रणनीति तैयार करेंगे। इसके पहले, मंगलवार को समाजवादी पार्टी के जिला पंचायत सदस्य की हत्या के बाद परिजनों से मिलने गाजीपुर पहुंचे अखिलेश यादव ने कहा था, बसपा के गठबंधन से अलग होने के फैसले का स्वागत है। इस पर चर्चा के बाद ज्यादा कहूंगा लेकिन ये साफ है कि हम भी अकेले उतरेंगे और यूपी की सभी 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव लड़ेंगे। अखिलेश यादव ने कहा था कि वे भी अपनी तैयारी करेंगे और अकेले लड़ेंगे।
मायावती ने गठबंधन से अलग होने का किया था फैसला
बता दें कि बसपा प्रमुख मायावती ने सपा से अलग होने का ऐलान कर दिया था। बसपा यूपी में 11 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव में अकेले उतरेगी। मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मायावती ने कहा, लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा गठबंधन कर साथ लड़े लेकिन नतीजे उम्मीदों के अनुसार नहीं आए। सपा का कोर वोटर यानी यादव सपा के साथ नहीं टिका और भीतरघात करते हुए भाजपा को ट्रांसफर हुआ। ऐसे में उत्तर प्रदेश में बसपा ने अकेले ही उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है।