कांग्रेस से गठबंधन नहीं हो पाने पर आखिरकार अखिलेश यादव ने तोड़ी चुप्पी
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के बीच गठबंधन के बाद दोनों ही दलों को इस बात का भरोसा है कि प्रदेश में गठबंधन को जीत मिलेगी और अगली सरकार में उनकी अहम भूमिका होगी। लेकिन एक बड़ा सवाल यह भी खड़ा होता है कि कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होने की वजह से कई जगहों पर वोटों का बंटवारा होगा, जिसका सीधा लाभ भाजपा को होगा। दिलचस्प बात यह है कि यूपी के चुनाव में सपा और कांग्रेस ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार के चुनाव में दोनों के बीच सहमति नहीं बन सकी। गठबंधन नहीं हो पाने पर खुद अखिलेश यादव ने अपनी चुप्पी तोड़ी है।
किसी ने मुझसे बात नहीं की
अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर उनसे गठबंधन को लेकर किसी भी तरह का संवाद नहीं करने की बात कही। अखिलेश यादव ने कहा कि हमसे तो किसी ने बात ही नहीं की। कांग्रेस में से तो हमसे किसी ने बात नहीं की। कांग्रेस पर तंज कसते हुए अखिलेश ने कहा कि तीन राज्यों में जीत के बाद खुशी उनकी इतनी थी कि सबकुछ भूल गए थे। उपचुनाव में हमसे पूछे बिना अपने उम्मीदवार का नाम घोषित कर दिया। हमे मजबूरी में अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित करने पड़े और बहुजन समाज पार्टी से समझौता करना पड़ा।
लोकसभा चुनाव से जुड़ी हर खबर को पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
गठबंधन हमारे पक्ष में
अखिलेश ने कहा कि गठबंधन के पक्ष में जनता है, हमारी कोशिश है किे जनता के बीच कोई ऐसा मुद्दा ना जाए जिससे कि लोगों के बीच किसी भी तरह का भ्रम फैले, और हम इसीलिए अपनी बात बिल्कुल साफ तौर पर लोगों के सामने रख रहे हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा और आरएलडी एकसाथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि गठबंधन ने अमेठी और रायबरेली से कांग्रेस के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारा है।
जमीनी
स्तर
पर
काम
प्रदेश
में
जिस
तरह
से
प्रियंका
गांधी
लगातार
कांग्रेस
पार्टी
के
लिए
प्रचार
कर
रही
हैं
और
जमीनी
स्तर
पर
काम
कर
रही
हैं,
उससे
कांग्रेस
को
उम्मीद
है
कि
इसका
सीधा
असर
चुनाव
परिणाम
में
देखने
को
मिलेगा।
इस
बारे
में
जब
अखिलेश
से
पूछा
गया
कि
प्रियंका
गांधी
जितना
अच्छा
करेंगी
उतना
ही
कांग्रेस
के
लिए
अच्छा
होगा
और
सपा
के
बुरा
होगा,
इसपर
अखिलेश
ने
कहा
कि
गठबंधन
के
वोट
में
नुकसान
जल्दी
नहीं
पहुंचेगा।
सहारनपुर
से
लेकर
अभी
तक
जितने
फेज
में
चुनाव
हुए
लोगों
ने
अपना
एक-एक
वोट
गठबंधन
दिया
है।
हालांकि
अखिलेश
ने
कहा
कि
चुनाव
के
बाद
प्रधानमंत्री
पद
के
लिए
सपा
और
बसपा
23
के
बाद
मिलकर
फैसला
एक
साथ
लेंगे।
भविष्य
कैसा
होगा,
इसपर
हम
कुछ
भी
नहीं
कहेंगे।
हम
कितनी
सीटें
जीतेंगे,
हमे
नहीं
पता
है।
इसे भी पढ़ें- अरुण जेटली का कांग्रेस पर तंज, बच्चे की तरह आचार संहिता पर रोना बंद करें