पी चिदंबरम मामले में आखिरकार अखिलेश यादव ने तोड़ी चुप्पी, कही बड़ी बात
नई दिल्ली। पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम को बुधवार रात को आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। इस पूरे मामले में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इस मसले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। अखिलेश यादव ने कहा कि अगर सरकार से लड़ना है तो कागज की लड़ाई को जीतना पड़ेगा। फिरोजाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि देखिए यह कागज की लड़ाई है और इसे कागज से ही लड़ना होगा। अगर कोई सरकार पीछे पड़ जाए तो उसके पास पूरी ताकत होती है। सरकार के पास पुलिस, फौज, तमाम विभाग होते हैं, ऐसे में आप बिना कागज के सरकार से नहीं लड़ सकते हैं, लिहाजा अगर कागज होंगे तभी जीत पाओगे।
बीती रात हुए गिरफ्तार
बता दें कि पी चिदंबरम को बुधवार रात को सीबीआई ने बेहद नाटकीय अंदाज में उनके घर से गिरफ्तार कर लिया है। चिदंबरम को गिरफ्तार करने के बाद उन्हें सीबीआई के मुख्यालय ले जाया गया, जहां उनका मेडिकल टेस्ट कराया गया और उनसे पूछताछ की गई। इससे पहले कांग्रेस के मुख्यालय पी चिदंबरम तमाम दिग्गज कांग्रेस नेताओं के साथ पहुंचे और यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं कानून से भागा नहीं हूं, मैं न्याय पाने की कोशिश कर रहा था। उन्होंने कहा कि अगर मेरे पास जीवन जीने और आजादी का विकल्प दिया जाए तो मैं सिर उठाकर आजादी के विकल्प को चुनूंगा।
खुद को बताया निर्दोष
चिदंबरम ने कहा कि आईएनएक्स मीडिया मामले में ना तो मेरा और ना ही मेरे परिवार के किसी सदस्य का नाम एफआईआर में हैं। चिदंबरम ने कहा कि मैंने कोई अपराध नहीं किया है और ना मैं आरोपी हूं, मेरे परिवार का कोई भी सदस्य इस मामले में आरोपी नहीं है। लोगों के बीच ऐसी धारणा पैदा की जा रही है कि बहुत बड़ा अपराध हुआ है और यह मैंने व मेरे बेटे ने कि किया है, जोकि पूरी तरह से झूठ है।
कोर्ट ने खारिज की थी याचिका
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चिदंबरम ने कहा कि मैंने अग्रिम जमानत की मांग की थी, मैं पूरी रात अपने वकीलों के साथ काम कर रहा था। मैं कानून से बच नहीं रहा था बल्कि मैं कानून का संरक्षण हासिल करने की कोशिश कर रहा था। मैं कोर्ट के आदेश का सम्मान करता हूं और आगे भी कानून का पालन करता रहूंगा। मैं जांच एजेंसियों से यही उम्मीद करता हूं कि वह भी कानून का सम्मान करेंगी। बता दें कि चिदंबरम की अग्रिम जमानत की याचिका को दिल्ली की हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था।