अकबरुद्दीन ओवैसी का विवादित बयान, 'हिम्मत है तो नरसिम्हा राव और NTR की समाधि हटाकर दिखाए सरकार'
हैदराबाद। एआईएमआईएम नेता और विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है जिससे तेलंगाना की राजनीति गर्म हो गई है। अकबरुद्दीन ने पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हाराव और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एनटीआर राव की समाधि को लेकर भड़काऊ बयान दिया है। तेलंगाना की टीआरएस सरकार को चैलेंज करते हुए कहा जिस तरह सरकार ने गरीबों के ऊपर कार्रवाई की है अगर उनमें हिम्मत है उसी तरह पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और एनटी रामा राव की समाधियों को भी तोड़ कर दिखाएं।
Recommended Video
अकबरुद्दीन के बयान पर सत्ताधारी टीआरएस के साथ ही बीजेपी ने भी विरोध जताया है। उन्होंने ओवैसी के बयान को दिग्गज तेलगु हस्तियों का अपमान बताया है और उनसे माफी मांगने की मांग की है। बता दें कि हैदराबाद स्थित हुसैन सागर झील के पास ही पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और पूर्व मुख्यमंत्री एनटीआर की समाधि बनी है।
असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (GHMC) के चुनाव को लेकर एक सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान अकबरुद्दीन ने कहा था कि जिस तरह प्रशासन गरीब लोगों को आशियाने ढहाए हैं क्या उसी तरह हुसैन सागर झील के किनारे पर नरसिम्हा राव और एनटी रामा राव के समाधियों पर भी कार्रवाई करेगा।" ओवैसी ने आरोप लगाया कि इन दोनों नेताओं की समाधियां भी अतिक्रमण कर बनाई गई हैं।
अकबरुद्दीन ने कहा कि जब संत हुसैन शाह वली ने हुसैन सागर झील का निर्माण करवाया था तो 4700 एकड़ में फैली हुई थी लेकिन आज ये बस 700 एकड़ में सिमटकर रह गई है। ये 4000 एकड़ कहां चली गई। इस पर रोड बन गई। नरसिम्हा राव और एनटी रामा राव की समाधि बनी है। लुम्बिनी पार्क है।
ओवैसी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने कहा कि नरसिम्हा राव और एनटी रामा राव महान हस्ती थे जिन्होंने तेलगु लोगों का सम्मान बढ़ाया। लोकतंत्र में इस तरह के अशालीन बयान बयान की कोई जगह नहीं है। वहीं राज्य बीजेपी ने भी अकबरुद्दीन ओवैसी की बयान की निंदा की है और उनसे माफी मांगने की मांग की है।