अकाली दल के नेता की कांग्रेस को चुनौती- कमलनाथ ने की दिल्ली में रैली तो कॉलर पकड़कर मंच से उतारेंगे
कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ का नाम भी शामिल है।
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 8 फरवरी को होने वाले मतदान से पहले सभी राजनीतिक दलों का प्रचार तेज हो गया है। दिल्ली चुनावों के लिए कांग्रेस ने भी अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का नाम भी शामिल है, जिसपर अकाली दल ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष और अकाली नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कमलनाथ को दिल्ली में 1984 के सिख विरोधी दंगों के लिए जिम्मेदार ठहराया।
कमलनाथ को दिल्ली में रैली को संबोधित नहीं करने देंगे- अकाली नेता
अकाली नेता ने कहा कि कमलनाथ को किसी भी कीमत पर दिल्ली में प्रचार नहीं करने दिया जाएगा। मनजिंदर सिंह सिरसा ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, 'हम कांग्रेस पार्टी को चुनौती देते हैं कि किसी भी स्थिति में कमलनाथ को दिल्ली के किसी भी कोने में कोई भी सार्वजनिक रैली को संबोधित नहीं करने दिया जाएगा। हम कमलनाथ का कॉलर पकड़कर खींच लेंगे और मंच से नीचे उतार देंगे।'
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कमलनाथ सिख विरोधी दंगों के लिए जिम्मेदार- सिरसा
मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, 'हम कांग्रेस को चुनौती देते हैं कि वे पब्लिक रैली के दौरान कमलनाथ को मंच पर भेजने की कोशिश कर देख लें, हम उनका कॉलर पकड़कर नीचे उतार देंगे।' 1984 के सिख विरोधी दंगों के लिए कमलनाथ को जिम्मेदार ठहराते हुए सिरसा ने कहा कि कांग्रेस सिखों के हत्यारों को प्रमोट करती रही है। सिरसा ने कहा कि बहुत कोशिशों के बाद कमलनाथ के खिलाफ केस खोल सके हैं, लेकिन कांग्रेस समय-समय पर कमलनाथ को कभी टिकट देती रही तो कभी मंत्री बना दिया।
अकाली दल ने दिल्ली में चुनाव ना लड़ने का किया है ऐलान
बता दें कि दिल्ली में बीजेपी की सहयोगी रही शिरोमणि अकाली दल ने विधानसभा चुनाव ना लड़ने का ऐलान किया है। मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर अकाली दल के स्टैंड की वजह गठबंधन नहीं हो सका है। उन्होंने कहा था कि अकाली दल और बीजेपी का पुराना रिश्ता है लेकिन सीएए में सुखबीर बादल ने सभी धर्मों के लोगों को शामिल करने की मांग की थी, जिस पर बीजेपी नेतृत्व चाहता था कि हम इस स्टैंड पर पुनर्विचार करें। हम अपने रुख पर कायम हैं और इसलिए दिल्ली में चुनाव ना लड़ने का फैसला किया है।