एक पखवाड़े में दूसरी बार महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम पद की शपथ लेंगे अजित पवार
बेंगलुरू। सिचाई घोटाले में आरोपी रहे एनसीपी नेता अजित पवार को एसीबी द्वारा सभी 17 मामलों में क्लीन चिट मिलने के बाद अब उनके शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी सरकार के सहयोग से गठित महा विकास अघाड़ी मोर्च की सरकार में डिप्टी सीएम बनना तय हो गया है। इस मोर्च में एनसीपी को डिप्टी सीएम के साथ 16 मंत्री पद मिला है, जो महाराष्ट्र सरकार में एनसीपी की हैसियत बताने के लिए काफी है।
तीन दलों के मंथन मिलन और उसके बाद एससीबी के हलफनामें में सभी आरोपी से विशुद्ध होकर बरी हुए अजित पवार जल्द ही महाराष्ट्र सरकार में डिप्टी सीएम की शपथ लेंगे। भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो यानी एसीबी ने 27 नवंबर को ही बॉम्बे हाईकोर्ट में क्लीन चिट को लेकर हलफनामा दायर कर दिया था। एसीबी से सिचाई घोटाले के 17 मामलों क्लीन चिट मिलते ही अजीत पवार के ऊपर से सिंचाई घोटाले सभी केस महाराष्ट्र सरकार द्वारा वापस ले लिए गए हैं।
गौरतलब है नवंबर, वर्ष 2018 में महाराष्ट्र में हुए करीब 70 हजार करोड़ के कथित सिंचाई घोटाले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार को जिम्मेदार ठहराया था। महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया था कि करोड़ों रुपये के कथित सिंचाई घोटाला मामले में उसकी जांच में राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार और अन्य सरकारी अधिकारियों की ओर से भारी चूक की बात सामने आई है।
बताया जाता है करीब 70,000 करोड़ रुपए का घोटाला कांग्रेस- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शासन के दौरान सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी देने और उन्हें शुरू करने में कथित भ्रष्टाचार व अनियमितताओं से जुड़ा हुआ था। अजित पवार के पास महाराष्ट्र में 1999 से 2014 के दौरान कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सरकार में सिंचाई विभाग की जिम्मेदारी थी। अजीत पवार के खिलाफ एक स्वयंसेवी संस्था जनमंच की ओर से दाखिल याचिका के जवाब में एसीबी के महानिदेशक संजय बारवे ने हाईकोर्ट की नागपुर पीठ के समक्ष एक हलफनामा दाखिल किया था।
महाराष्ट्र सरकार में एससीपी को डिप्टी सीएम ही नहीं, बल्कि 16 मंत्री भी उद्धव सरकार में शपथ ले सकते हैं। उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री पद के शपथ लेने के एक सप्ताह तक चले मंथन में तय हुए नए फार्मूले के तहत एनसीपी को सबसे ज्यादा हिस्सेदारी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इस फार्मूले में एनसीपी चीफ शरद पवार की ठसक देखी जा सकती है।
वहीं, शिवसेना के हिस्से में कुल 14 मंत्री पद मिला है, साझा सरकार में शिवसेना को मुख्यमंत्री का पद मिला है। वहीं, गठबंधन में तीसरे सहयोगी कांग्रेस को एक स्पीकर के साथ कुल 13 मंत्री बनाए जाएंगे। कहा जा रहा है महाराष्ट्र में सत्ता का नया फार्मूला तब सामने आया जब दो दिन पहले एससीपी चीफ शरद पवार ने दिल्ली में कहा था कि गठबंधन से उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ है।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में शिवसेना और कांग्रेस को एक साथ लेकर सरकार गठन का पूरी जिम्मेदारी शरद पवार के कंधों पर थी और जब बीजेपी नेता और पूर्व महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस ने अचानक रातों-रात अजित पवार को तोड़कर महाराष्ट्र में सरकार बना ली थी, तो उसको भेदने के अगुआ भी शरद पवार थे।
यही कारण था कि महाराष्ट्र सरकार में उन्हें डिप्टी सीएम पद के साथ 16 मंत्री पद दिया गया है। माना जा रहा है जल्द ही महाराष्ट्र सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है और सभी मंत्रियों को शपथ दिलाया जा सकता है। हालांकि अभी तक मंत्रालय बंटवारे को लेकर कोई खुलासा नहीं हुआ है।
सभी जानते हैं कि महाराष्ट्र में शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में गठित महा विकास अघाडी मोर्च की बागडोर एनसीपी चीफ शरद पवार के हाथों में हैं। यह बात सरकार चलाने में अनुभवहीन सीएम उद्धव ठाकरे भी अच्छी तरह जानते हैं। माना जा रहा है कि मंत्रालय के बंटवारे में भी शरद पवार का पूरा दखल होगा और मलाईदार मंत्रालयों पर कांग्रेस और एनसीपी अपनी पकड़ जरूर रखना चाहेंगे।
यह सच है कि उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र की सत्ता में शीर्ष पर कायम है, लेकिन उद्धव भी शरद पवार को अपना राजनीतिक गुरू मान चुके हैं और उनकी मदद के बिना महाराष्ट्र में सरकार चलाने में अक्षम हैं। यही कारण है कि शरद पवार को महाराष्ट्र सरकार का बेताज बादशाह कहा जा रहा हैं।
वर्तमान में महाराष्ट्र की सत्ता का वास्तविक कमान शरद पवार के हाथों में हैं। यही कारण है कि महाराष्ट्र में सत्ता का केंद्र इस बार सीएम निवास वर्षा से निकलकर सिल्वर ओक पहुंच चुका है, जो एनसीपी चीफ शरद पवार का घर है और यही पर महाराष्ट्र सरकार में असली फैसला लिया जाना तय है।
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