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मोदी के खिलाफ खड़े होने वाले अजय राय कभी भाजपा में ही थे, जानिए उनका सफर

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वाराणसी। देश की सबसे हाई-प्रोफाइल वाराणसी लोकसभा सीट पर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी के चुनाव मैदान में उतरने के कयासों पर कांग्रेस ने ब्रेक लगा दिया है क्योंकि पार्टी ने एक बार फिर से अजय राय को यहां से टिकट दिया है, आपको बता दें कि साल 2014 में भी कांग्रेस ने अजय राय को वाराणसी से ही अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन वो उस वक्त अपनी जमानत भी नहीं बचा सके थे लेकिन एक बार फिर कांग्रेस ने उन्हीं पर दांव खेला है।

अजय राय ने भाजपा से ही की थी अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत

अजय राय ने भाजपा से ही की थी अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत

गौरतलब है कि अजय राय बनारस समेत पूर्वांचल का जाना-पहचाना नाम है और अक्सर वो अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में भी छाए रहते हैं, आपको जानकर हैरत होगी कि अजय राय ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1996 में भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी के रूप में उत्‍तरप्रदेश विधानसभा चुनाव लड़कर की थी, जिसमें उन्‍हें विजय प्राप्‍त हुई थी लेकिन उन्होंने साल 2009 में भारतीय जनता पार्टी से त्‍यागपत्र दे दिया और समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर ली थी।

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पांच बार विधायक की कुर्सी संभाल चुके हैं अजय राय

पांच बार विधायक की कुर्सी संभाल चुके हैं अजय राय

वो 2009 में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में भाजपा के मुरली मनोहर जोशी के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरे थे, 2009 के चुनाव में अजय राय को 123,874 वोट मिले, जो कुल वोटों का 18.61 प्रतिशत था, अजय राय तीसरे स्थान पर रहे थे, उस साल दूसरे स्थान पर रहे बहुजन समाज पार्टी के मुख्तार अंसारी थे, जिनको 185,911 वोट मिले थे, मुरली मनोहर जोशी ने ये चुनाव 203,122 मतों से जीता था। इसके बाद वे 2009 में निर्दलीय विधायक रहे और बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए और पिंडरा से कांग्रेस के टिकट पर विधायक के पद पर भी रहे हैं, वो पांच बार विधायक की कुर्सी संभाल चुके हैं।

तब अजय राय को 'लोकल' होने से मिला था मौका

तब अजय राय को 'लोकल' होने से मिला था मौका

2014 के बाद से उनकी मुख्य पहचान यही हो गई है कि वह वाराणसी लोकसभा सीट पर नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़े थे, उस समय उनकी पार्टी के सीनियर नेताओं, जैसे दिग्विजय सिंह, आनंद शर्मा और पी चिदंबरम तक ने मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी, प्रतापगढ़ से आने वाले और अब तक विधानसभा चुनावों में अजेय रहे प्रमोद तिवारी तक के नाम पर भी विचार हुआ था लेकिन अंत में अजय राय का नाम ही 'लोकल' होने की वजह से फाइनल हुआ था और इस बार भी वो मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में है।

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साल 2014 में अजय राय की हो गई थी जमानत जब्त

साल 2014 में अजय राय की हो गई थी जमानत जब्त

2014 के चुनाव में वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ आम आदमी पार्टी के चीफ अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के अजय राय थे। पीएम मोदी ने केजरीवाल को 3,71,784 वोटों से मात दी थी। पीएम मोदी को 2014 में कुल 5.81 लाख से ज्यादा वोट मिले थे जबकि केजरीवाल को 2.9 लाख वोट और अजय राय को करीब 76 हजार वोट ही प्राप्त हुए थे।

19 मई को मतदान

19 मई को मतदान

मालूम हो कि वाराणसी लोकसभा सीट पर सातवें और अंतिम चरण में 19 मई को मतदान होना है , यहां के जातीय समीकरण को देखें तो यहां करीब तीन लाख वैश्य, ढाई लाख कुर्मी, ढाई लाख ब्राह्मण, तीन लाख मुस्लिम, 1 लाख 30 हजार भूमिहार, 1 लाख राजपूत, पौने दो लाख यादव, 80 हजार चौरसिया, एक लाख दलित और एक लाख के करीब अन्य ओबीसी मतदाता है, देखते हैं इस बार यहां की जनता क्या फैसला सुनाती है।

यहां क्लिक करें: लोकसभा चुनाव का विस्तृत कवरेज

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English summary
Ajay Rai to be the Congress candidate from Varanasi against PM Narendra Modi, Read his Profile in hindi.
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