आप के साथ गठबंधन ना होने से नाराज दिग्गज कांग्रेस नेता ने किया चुनाव लड़ने से इनकार
नई दिल्ली। दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन ने कहा है कि अगर दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं होता है तो वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं, उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस नेतृत्व ने दिल्ली में आप के साथ गठबंधन नहीं होने की स्थिति में सभी सात लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम मांगे हैं। इससे पहले अजय माकन ने साफ किया था कि अगर उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया जाता हो तो भी वह दिल्ली में आप के साथ गठबंधन का समर्थन करेंगे। बता दें कि अजय माकन दो बार नई दिल्ली से लोकसभा सांसद रह चुके हैं।
गठबंधन को लेकर चर्चा
बता दें कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव को लेकर गठबंधन को लेकर लगातार संपर्क में हैं, अभी तक आधिकारिक रूप से इसको लेकर ऐलान नहीं किया गया है। आप नेताओं अभी तक यह आरोप लगा रहे हैं कि कांग्रेस निर्णय नहीं ले पा रही है। दिल्ली कांग्रेस के नेता आपस में बंटे हुए हैं। जो लोग आप के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं उन्हें 2020 के विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी के खिलाफ रहना चाहिए।
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शीला दीक्षित खिलाफ
जानकारी के अनुसार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर लगातार कोशिशें हो रही हैं। जिस तरह से अजय माकन ने अपने तेवर दिखाए हैं उसके बाद मुमकिन है कि एक बार फिर से दिल्ली कांग्रेस के भीतर विवाद खड़ा हो सकता है। एक तरफ जहां अजय माकन आप के साथ गठंबधन के पक्ष में हैं तो दूसरी तरफ मौजूदा दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित आप के साथ गठबंधन के खिलाफ हैं।
आप 4 सीटों पर तैयार
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली में पांच सीटों की मांग कर रही है। हालांकि बाद में पार्टी कांग्रेस को तीन सीटें देने के लिए तैयार हो गई, अगर दोनों पार्टियों के बीच पंजाब और हरियाणा में होता है। पंजाब और हरियाणा में आम आदमी पार्टी दो-दो सीटों की मांग कर रही है। आप को इस बात का भरोसा है कि अगर दिल्ली में भाजपा के खिलाफ गठबंधन होता है तो भाजपा सातों सीट हार जाएगी। लेकिन कांग्रेस नेता गठबंधन का इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि फिर उन्हें सरकार से जो लोग असंतुष्ट हैं उसकी नाराजगी झेलनी पड़ेगी।
केजरीवाल कर रहे हैं कोशिश
इससे पहले जब कांग्रेस की ओर से शीला दीक्षित ने आप के साथ गठबंधन से साफ इनकार किया था तो अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस पर भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और भाजपा के भीतर अंदरूनी समझौता हुआ है। उन्होंने कहा था कि मैं समझा-समझाकर थक गया हूं कि दिल्ली में गठबंधन कर लीजिए। यही नहीं केजरीवाल ने कहा था कि भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए वह सातों सीट भी छोड़ने के लिए तैयार हैं।
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