नहीं रहे स्टंट डायरेक्टर वीरू देवगन: खुद तो नहीं बन पाए लेकिन बेटे को बनाया सुपरस्टार
मुंबई। हिंदी सिनेमा के 'सिंघम' यानी कि अजय देवगन के पिता और मशहूर एक्शन डॉयरेक्टर वीरू देवगन का निधन 27 मई को मुंबई में हुआ,उनका निधन कार्डियक अरेस्ट की वजह से हुआ था, वैसे वो लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे लेकिन वीरू देवगन ने सोमवार सुबह सांस लेने में परेशानी की शिकायत की थी, जिसके बाद उन्हें सांता क्रूज के सूर्या अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उनकी वापसी नहीं हुई।
नहीं रहे स्टंट डायरेक्टर वीरू देवगन,
अस्सी के दशक में वीरू देवगन फिल्मी दुनिया का जाना-पहचाना नाम था, वो दौर एंग्री यंग मैंन यानी की अमिताभ बच्चन का था और उस दौर में वीरू ने बहुत सारी फिल्मों में एक्शन सींस का डायरेक्शन किया था, उन्होंने करीब 150 से ज्यादा फिल्मों में एक्शन और फाइट की सीन को भी कॉरियोग्राफ किया था।
अभिनय भी किया और फिल्म डायरेक्टर भी
वे एक्शन डायरेक्टर के साथ-साथ फिल्म डायरेक्टर भी रह चुके हैं। वीरू देवगन ने 1999 में आई फिल्म 'हिंदूस्तान की कसम' बनाई थी।
वीरू देवगन का जन्म 1974 अमृतसर में हुआ था...
वीरू देवगन का जन्म 1974 अमृतसर में हुआ था। इनकी पत्नी का नाम वीणा देवगन है। वीरू देवगन के दो बेटे अजय और अनिल देवगन और दो बेटिंया हैं, अजय देवगन तो फिल्मी पर्दे के सुपर स्टार हैं तो वहीं अनिल देवगन भी फिल्म डायरेक्शन के क्षेत्र में है, अनिल ने 'राजू चाचा' और 'ब्लैकमेल' जैसे फिल्मों का डॉयरेक्शन किया है।
पापा की वजह से आज हीरो हूं: अजय देवगन
एक्टर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर अजय देवगन आज के समय के एक बहुत बड़े सितारे हैं। पद्मश्री से सम्मानित इस कलाकार को लोग कंपलीट एक्टर कहते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि अजय देवगन कभी एक्टर बनना ही नहीं चाहते थे, उन्होंने तो बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर अपने करियर की शुरुआत की थी लेकिन उनके पिता को लगता था कि अजय को एक्टर बनना चाहिए और उन्हीं के कहने पर अजय देवगन ने इस बारे में सोचना शुरू किया था, इस बात का खुलासा खुद अजय देवगन ने सोनी टीवी के हिट शो 'कपिल शर्मा शो' में किया था।
'खुद तो नहीं बन पाए लेकिन बेटे को बनाया सुपरस्टार'
इसके पीछे खास वजह थी, दरअसल वीरू खुद एक्टर बनना चाहते थे और इसी वजह से 14 साल की उम्र में घऱ छोड़कर वो मुंबई चले आए थे लेकिन मुंबई में सबको कहां सबकुछ मिलता है, उन्होंने काफी धक्के खाए, लकड़ी का काम किया, कई दिनों तक बिना खाए रहे लेकिन फिर भी फिल्मों में उन्हें हीरो बनने का चांस नहीं मिला और थक-हारकर उन्होंने एक दिन सरेंडर कर किया और बतौर एक्शन डायरेक्टर अपना काम शुरू किया लेकिन उन्होंने कसम खाई थी कि उनका बड़ा बेटा हीरो बनेगा और इसी वजह से उन्होंने अजय देवगन पर शुरू से ही मेहनत की और नतीजा आज आपके सामने है कि आज अजय देवगन बॉलीवुड के आईकॉन कहे जाते हैं।