लॉकडाउन के दौरान छंटनी की एआईटीयूसी ने निंदा की, श्रम मंत्री को लिखा पत्र
नई दिल्ली। कोरोना महामारी ने भारत ही नहीं पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाया है। महामारी के चलते आई महामंदी ने दुनियाभर में करोड़ों लोगों को बेरोजगार कर दिया है। भारत में भी कई कंपनियों ने कर्मचारियों की छटनीं शुरू कर दी है। अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी) ने श्रम मंत्री संतोष गंगवार को पत्र लिखकर लॉकडाउन के दौरान उद्योगों को कर्मचारियों की छंटनी करने से रोकने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है।
मजदूर संघ ने पत्र में एक ग्लोबल टेक्नोलॉजी फर्म का हवाला भी दिया, जिसने हाल में 700 कर्मचारियों को निकाला था। पत्र में संघ ने लिखा कि, फेयरपोर्टल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का संदर्भ देते हुए उद्योगों और कमर्शियल प्रतिष्ठानों को एक मजबूत निर्देश देने के लिए आपसे तत्काल हस्तक्षेप का आह्वान करते हैं, ताकि पूरी तरह गैरकानून ढंग से कर्मचारियों को निकालने पर तत्काल रोक लगे और सभी छंटनी के आदेशों को अनिवार्य रूप से वापस लिया जाए।
पत्र में कहा गया कि कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन की पृष्ठभूमि में इस तरह की छंटनी एक तरह का अन्याय है। पत्र में यह भी कहा गया कि इस तरह के आदेश राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा जारी सलाह के विपरीत हैं। एआईटीयूसी ने कहा है कि इन कंपनियों ने न सिर्फ सलाह को नजरअंदाज किया है, बल्कि कानून का भी उल्लंघन है।
लॉकडाउन के बीच कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है। आज राजस्थान में 26, गुजरात के वडोदरा में 21, मध्यप्रदेश में 14, महाराष्ट्र में 16, कर्नाटक में 10 और बिहार में दो नए मामले आए हैं जबकि असम में पहली मौत हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 896 नए मामले आए हैं और 37 लोगों की मौत हुई है।
हमारे पास मौजूद हैं जरूरत से तीन गुना ज्यादा हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन टेबलेट: स्वास्थ्य मंत्रालय