UIDAI ने एयरटेल को 10 जनवरी तक ई-केवाईसी सत्यापन की मंजूरी दी लेकिन कड़ी शर्तों के साथ
नई दिल्ली। भारत विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए भारती एयरटेल को 10 जनवरी तक अपने दूरसंचार ग्राहकों का आधार पर आधारित ई-केवाईसी सत्यापन करने की सशर्त मंजूरी दे दी है लेकिन इससे साथ ही उसने कुछ कड़ी शर्तें भी रखी है क्योंकि उसने एयरटेल पेमेंट्स बैंक के बारे में ई-केवाईसी निलंबन के आदेश को अभी भी कायम रखा है। यूआईडीएआई ने ये फैसला ने ग्राहकों की सुविधा के मद्देनजर उठाया है। प्राधिकरण इस मुद्दे पर भारतीय रिजर्व बैंक और दूरसंचार विभाग से 10 जनवरी को रिपोर्ट मिलने के बाद अब फैसला लेगा।
क्या था मामला
UIDAI ने भारती एयरटेल और एयरटेल पेमेंट्स बैंक के खिलाफ कड़ी कारवाई करते 16 दिसंबर को उनका E-KYC लाइसेंस अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया था क्योंकि उसे ऐसी खबर मिली थी कि एयरटेल पर आधार E-KYC आधारित सिम वैरिफिकेशन प्रक्रिया का दुरूप्रयोग हो रहा है।
E-KYC
उसे शिकायत मिली थी कि एयरटेल ने अपने ग्राहकों की मर्जी के बिना ही उन्हें बगैर जानकारी दिए ही उनके बैंक खाते खोल दिए जबकि ग्राहक अपने सिम का आधार आधारित E-KYC करवाने आते थे, जिस पर UIDAI आपत्ति जताते हुए E-KYC लाइसेंस अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया था।
55.63 लाख मूल खातों में
मालूम हो कि ऐसी खबर थी कि एयरटेल पेमेंट्स बैंक के 23 लाख से अधिक ग्राहकों को उनके इन बैंक खातों में 47 करोड़ रुपये मिले जिनके खोले जाने की उन्हें जानकारी तक नहीं थी। वैसे पीटीआई के मुताबिक एयरटेल ने अपने ग्राहकों के 55.63 लाख मूल खातों में 138 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) फिर से स्थानांतरित कर दिया है।
रिजर्व बैंक और दूरसंचार विभाग
यूआईडीएआई ने रिजर्व बैंक और दूरसंचार विभाग दोनों से भारती एयरटेल की प्रणाली, प्रक्रियाओं, एप्लिकेशंस, दस्तावेजीकरण का ऑडिट करने को कहा है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कंपनी अपनी लाइसेंस शर्तों का अनुपालन कर रही है।
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