क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जानते थे पाकिस्तान पर इंडियन एयरफोर्स करेगी हमला
नई दिल्ली। 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में हुई इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) की कार्रवाई के बाद अमेरिका की प्रतिक्रिया आई। अमेरिका ने भारत के इस हवाई हमले का समर्थन तो किया लेकिन साथ ही पाकिस्तान को कड़ा संदेश भी दिया। अमेरिका ने पाक से कहा कि वह अपनी सरजमीं पर मौजूद आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करे। आईएएफ की तरफ से जो कार्रवाई हुई है उससे कुछ ही दिनों पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जॉन बोल्टन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एनएसए अजित डोवाल से बात की थी। इस फोन कॉल के बाद ट्रंप ने जब मीडिया को संबोधित किया तो उन्होंने भी इस तरफ इशारा किया था कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत किसी बड़ी योजना की तरफ देख रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या राष्ट्रपति ट्रंप को इस बात की जानकारी थी कि आईएएफ, पाकिस्तान में हमला करने जा रहा है।
ट्रंप के बयान से मिला इशारा
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते ओवल ऑफिस में मीडिया से बात की थी। इस वार्ता में उन्होंने पुलवामा हमले के बाद भारत के आत्मरक्षा से जुड़े सवाल पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा था, 'भारत एक मजबूत विकल्प की तरफ देख रहा है। भारत ने अपने 50 लोगों को खो दिया है और वह भी एक हमले में इसलिए मैं उनकी तकलीफ को समझ सकता हूं।' इसके अलावा उनके एनएसए जॉन बोल्टन ने भी डोवाल से फोन पर बात की तो वहीं संदेश दिया जो ट्रंप ने मीडिया को बताया। बोल्टन ने डोवाल से कहा था कि 'अमेरिका, भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता है।'
बोल्टन ने की डोवाल से बात
मंगलवार को हुई एयर स्ट्राइक बोल्टन और डोवाल के बीच फोन पर हुई वार्ता और ट्रंप के बयान के कुछ ही दिन बाद हुई। इस बात की पुष्टि कोई नहीं कर पा रहा है कि क्या अमेरिका को भारत के इस कदम के बारे में पहले से मालूम था या फिर ट्रंप ने सिर्फ साधारणतौर पर यह प्रतिक्रिया दी। वहीं ट्रंप प्रशासन के एक अधिकारी ने इस पर कहा है कि जो बातें पहले कही गई हैं, प्रशासन उन्हीं बातों पर कायम है। अधिकारी ने यह जवाब तब दिया जब उससे एयर स्ट्राइक के बारे में जानकारी होने से जुड़ा सवाल पूछा गया था।
उरी हमले के बाद क्या थी स्थिति
दिल्ली में भी विदेश सचिव विजय गोखले ने पी-5 देशों, जिसमें अमेरिका भी शामिल है, उन्हें स्थिति के बारे में पूरी जानकारी दी थी। साल 2016 में जब उरी आतंकी हमला हुआ उसके बाद से ही अमेरिका यह बात मानने लगा था कि भारत के पास आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है। उस समय डोवाल ने तत्कालीन अमेरिकी एनएसए सुसैन राइस से फोन पर बात की थी। इसके बाद व्हाइट हाउस की तरफ से एक बयान जारी किया गया था। इस बयान में कहा गया था, 'पाकिस्तान को आतंकी संगठनों और आतंकियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करनी होगी।' उस समय बयान में आत्मरक्षा की बात नहीं कही गई थी। लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक के बाद व्हाइट हाउस अधिकारी पीटर लैवॉय ने कहा था, 'हम, भारत के उस नजरिए से सहमत हैं जिसमें सैन्य प्रतिक्रिया को प्राथमिकता दी जाती है।'