सावधान! 'जहरीली हवा' की चपेट में दिल्ली-एनसीआर, दिवाली तक स्थिति होगी और खराब
नई दिल्ली। दशहरे के दूसरे दिन सुबह ही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। दिल्ली के लोधी रोड़ पर शनिवार सुबह प्रदूषण का स्तर पीएम 10 स्तर 297 और पीएम 2.5 स्तर पर 226 रहा। एयर क्वालिटी इंडेक्स में दोनों ही खतरनाक स्तर पर है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिल्ली में दशहरा, पराली जलाने और हवा की गति कम होने की वजह से अगले कुछ दिनों में एयर क्वालिटी और भी ज्यादा खराब हो सकती है। शनिवार को दिल्ली-एनसीआर में खराब एयर क्वालिटी की वजह से आकाश में प्रदूषण के गुब्बारों को देखा जा सकता है।
उत्तर भारत भर में वायु प्रदूषण ने दिल्ली, कानपुर और लखनऊ जैसे बड़े शहरों को सबसे अधिक चपेट में ले रखा है। सरकारी और निजी विशेषज्ञों की मानें को सर्दियों के महीनों में स्थिति और भी ज्यादा गंभीर होने वाली है। आने वाले तीन सप्ताह में दिवाली के आस-पास स्थिति और भी ज्यादा खतरनाक होगी, जिसका सबसे ज्यादा प्रभाव राजधानी दिल्ली और एनसीआर पर पड़ने वाला है।
हालांकि पिछले कुछ सालों की तुलना में सितंबर में बेमौसम बारिश ने दो सप्ताह तक प्रदूषण को बढ़ाने का काम किया है। तापमान गिरने, धीमी गति से हवा चलने, हरियाणा और पंजाब में पराली के जलने और इस बीच दिवाली के एक दिन पटाखों से प्रदूषण की स्थिति बहुत ही खतरानक होने वाली है। नासा ने शुक्रवार को हिमालय से नीचे उत्तर भारत की एक फोटो में रिलीज की जिसमें प्रदूषण का स्तर काफी चिंताजनक है।
उधर इस बार दिवाली पर पटाखों पर बैन नहीं होने की वजह से स्थिति और ज्यादा नाजूक होने वाली है। सीपीसीबी के अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने इस साल पटाखों के इस्तेमाल को प्रतिबंधित नहीं किया है, क्योंकि वे दिवाली के दौरान बिक्री और अग्निशामक के इस्तेमाल पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध लगाने के लिए याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
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