कोरोना के बीच दिल्ली में एक और आफत की दस्तक, वैज्ञानिकों ने जताई चिंता
कोरोना महामारी के संकट के बीच दिल्ली-एनसीआर में अब एक और आफत ने दस्तक दे दी है।
नई दिल्ली। पूरा देश इस समय कोरोना वायरस की मार झेल रहा है और संक्रमण के कुल मामले 50 लाख के पार पहुंच चुके हैं। वहीं, कोरोना के कारण अलग-अलग राज्यों में अभी तक 82 हजार से ज्यादा लोगों की जान भी जा चुकी है। महामारी के इस संकट के बीच दिल्ली-एनसीआर में अब एक और आफत ने दस्तक दे दी है। दरअसल, सितंबर की शुरुआत के साथ ही दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता में गिरावट आनी शुरू हो गई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि लॉकडाउन के बाद बढ़ी व्यावसायिक गतिविधियों और मौसम में बदलाव के चलते आने वाले दिनों में दिल्ली में वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ सकता है।
आने वाले दिनोें में बदलेगी दिल्ली की हवा
दिल्ली-एनसीआर के लोगों को हाल के दिनों में, खासकर जून, जुलाई और अगस्त में बारिश के चलते, साफ हवा और नीला आसमान देखने को मिला, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले दिन बदलाव वाले होंगे। हालांकि मौसम विभाग के मुताबिक, अगले कुछ दिनों में फिर से दिल्ली में बारिश के आसार बने रहे हैं, जो प्रदूषण को कुछ हद तक कम करेंगे, इसके बावजदू हवा की गुणवत्ता को लेकर वैज्ञानिकों ने चिंता जताई है।
9 सितंबर के बाद से बढ़ रहा AQI
एचटी की खबर के मुताबिक, इस महीने 9 सितंबर के बाद के हफ्ते में दिल्ली में हवा की गुणवत्ता मध्यम दर्जे की रही, यानी इस दौरान एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 101 से 200 के बीच दर्ज किया गया। इस दौरान मंगलवार को राजधानी का एक्यूआई 144 रहा। वहीं, इसके मुकाबले पिछले महीने अगस्त में दिल्ली की हवा की गुणवत्ता अच्छे और संतोषजनक स्तर पर थी और एक्यआई 1 से 100 के बीच रहा।
वायुमंडल में जमा हो रहे प्रदूषण के कण
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी के वैज्ञानिक सचिन डी घुडे ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया, 'बारिश रुक गई है और हवा की रफ्तार भी कम हो गई है। वायुमंडल में प्रदूषण के कण जमा हो रहे हैं। अनलॉक लागू होने के बाद सड़कों पर वाहनों की संख्या भी बढ़ रही है। कुछ दिनों बाद सर्दियां शुरू होते ही हवा के अंदर निष्क्रिय धूल के कण बढ़ने शुरू हो जाएंगे।' आपको बता दें कि 25 मार्च को लॉकडाउन लगने के बाद प्रदूषण में काफी कमी आई थी और उत्तर पश्चिमी मैदानी इलाकों से हिमालय की चोटियां नजर आने लगीं थी।
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