राफेल विवाद: CJI रंजन गोगोई ने एयरफोर्स ऑफिसर्स को कहा, 'कोर्ट में एक अलग तरह का वॉर गेम चल रहा है'
नई दिल्ली। फ्रांस के साथ हुई 36 राफेल फाइटर जेट की डील अब केंद्र सरकार के बाद इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) का सिरदर्द बढ़ाने वाली बन गई है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस डील में आईएएफ के सीनियर ऑफिसर्स को बुलाया और उनसे राफेल के बारे में कई तरह के सवाल-जवाब किए। सुप्रीम कोर्ट ने आईएएफ के मार्शल और एयर वाइस मार्शल से राफेल के बारे में जाना और उनसे राफेल से पहले हुई फाइटर जेट की डील से जुड़े भी सवाल किए। ये भी पढ़ें-कैसा है इंडियन एयरफोर्स को मिलने वाला राफेल जेट, फ्रांस के एयरबेस पर भरी पहली उड़ान
क्या पूछा सुप्रीम कोर्ट ने
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के एयर मार्शल और वाइस मार्शल रैंक के ऑफिसर कोर्ट पहुंचे। यहां पर उनके पहुंचने के बाद राफेल डील पर दायर याचिका सुनवाई दोबारा शुरू हुई। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ये दोनों ऑफिसर्स उनके सवालों का जवाब देने में सक्षम होंगे। सुप्रीम कोर्ट में उनसे सवाल-जवाब शुरू हुए। कोर्ट ने ऑफिसर्स से पूछा, 'हाल ही में आईएएफ में कौन सा जेट शामिल किया गया है?' इस पर आफिसर्स ने जवाब दिया, 'सुखोई-30।' इसके बाद मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई ने सवाल किया, 'क्या से जेट चौथी पीढ़ी का हल्का लड़ाकू विमान है?' इस पर एयर मार्शल की ओर से बताया गया, 'नहीं मैं कहूंगा कि ये 3.5 है।'
'अब आप अपने वॉर रूम में लौट जाइए'
इसके बाद गोगोई ने सवाल किया, 'नया प्रस्तावित एयरक्राफ्ट कौन सी पीढ़ी का है?' इस पर एयरफोर्स ऑफिसर की ओर से कहा गया, 'पांचवीं पीढ़ी का क्योंकि यह स्टेल्थ टेक्नोलॉजी से लैस है।' एयरफोर्स ऑफिसर्स के जवाबों को सुनने के बाद सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा, 'एयर मार्शल और वाइस मार्शल अब वापस लौट सकते हैं। यहां कोर्ट में एक अलग तरह का वॉर गेम खेला जा रहा है। आप अपने असली वॉर रूम में लौट जाइए।'इसके बाद वेणुगोपाल की ओर से उनकी बहस को दोबारा शुरू किया गया। अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड की ओर से राफेल को तैयार करने में डसॉल्ट की तुलना में 2.7 गुना ज्यादा टाइम लग रहा था। यह अपने आप में एक नकारात्मक पहलू है।
फ्रांस में भरी आईएएफ के राफेल ने उड़ान
भारत में राफेल डील की वजह से राफेल फाइटर जेट पर घमासान मचा हुआ है। इस सारे हंगामे के बीच ही राफेल ने मंगलवार को फ्रांस के इस्त्रे-ले-ट्यूब एयरबेस से पहली उड़ान भरी। यह वही जेट है जो इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के लिए तैयार किया गया है। भारत को 36 राफेल जेट की पहली खेप 2019 में मिलेगी और इसी खेप के पहले राफेल का परीक्षण किया गया है। इस टेस्ट के दौरान राफेल को रनवे पर लैंड कराया गया और फिर उसके कई टेस्ट किए गए है। इन सभी टेस्ट्स के बाद इस फाइटर जेट ने अपनी पहली सफल उड़ान को पूरा किया।