उचित दाम नहीं मिलने की वजह से एयर इंडिया को बेचने का फैसला वापस ले सकती है सरकार
नई दिल्ली। एयर इंडिया को कौन खरीदेगा इसको लेकर अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है, लेकिन सरकार फिलहाल इसके मोल भाव में लगी है और काम दाम में बोली लगने की वजह से एयर इंडिया को नहीं बेचने को लेकर फिर से विचार किया जा सकता है। एविएशन मिनिस्ट्री ने कहा कि अगर सही कीमत नहीं मिलती है, तो एयर इंडिया को नहीं बेचने पर फैसले लिया जा सकता है।
एविएशन सेक्रेटरी आरएन चौबे ने संवाददाताओं से कहा कि अगर निलामी में दाम अपर्याप्त पाया जाता है, तो सरकार बेचने या नहीं बेचने का अधिकार बरकरार रख सकती है।
सरकार इस दिसंबर के अंत तक एयर इंडिया के निजीकरण प्रक्रिया को बंद करने की योजना बना रही है। सरकार ने एयरलाइन के लिए एंटरप्राइज वैल्यू और एसेट वैल्यूर्स पर फैसला करने के लिए सलाहकारों को नियुक्त किया है।
काफी लंबे समय से एयर इंडिया घाटे में चल रही है, लिहाजा इसे देखते हुए सरकार यर इंडिया को बेचने के लिए किसी मजबूत और समृद्ध कंपनी की तलाश कर रही है। पिछले ही महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट की बैठक में एयर इंडिया को बेचने के लिए हरी झंडी दी थी, सरकार एयर इंडिया को बेचने की कोशिश करे। पिछली कई सरकारों ने एयर इंडिया को कर्ज से बाहर निकालने के लिए करोड़ो रुपए खर्च किए, बावजूद इसके एयर इंडिया सरकार के लिए घाटे का ही सौदा बनी हुई है।
बता दें कि सिंगापुर एयरलाइन्स, टाटा ग्रुप की विस्तारा एयरलाइन्स, और जेट एयरवेज ने इंयर इंडिया को खरीदने के लिए रुचि दिखाई है। सरकार ने एयर इंडिया का 76 फीसदी हिस्सा और एयर इंडिया एक्सप्रेस को पूरी तरह एक ही खरीदार को बेचने का प्रस्ताव रखा है