Exclusive: एयर इंडिया फ्लाइट के मेन्यू से हटाया जायेगा 'मुस्लिम मील'
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। देश के मुसलमानों की आर्थिक-सामाजिक सूरते हाल का जायजा लेने के लिए बने सच्चर कमीशन के चीफ राजेन्द्र सच्चर वे एयर इंडिया विमान बीते 14 नवंबर को एयर इंडिया के विमान से कोलकाता से दिल्ली जा रहे थे। तभी एयर होस्टेस ने खाने का मेन्यू उन्हें दिया, जिसमें एक विकल्प था, जिसे देख राजेंद्र सच्चर चौंक गये। विकल्प था- मुस्लिम मील क! सच्चर इसे देख भड़क गये। अगर सच्चर की बात एयर इंडिया को समझ आ गई तो 'मुस्लिम मील' मेन्यू से जल्द ही हटा दिया जायेगा।
सच्चर ने की खोजबीन
मैन्यू देखते ही सच्चर ने एयर होस्टेस से पूछा यह मुस्लिम मील क्या है? क्या यह मुझे मिल सकता है, मैं तो हिंदू हूं। जवाब में एयर होस्टेस ने कहा, यह भोजन विशेष रूप से मुसलमानों के लिये पकाया जाता है और बेशक आप भी खा सकते हैं। और पूछने पर बताया कि मुस्लिम मील में परोसा जाने वाला चिकन-मटन हलाल कट होता है।
नाराजगी भरा पत्र लिखा
दिल्ली पहुंचने पर हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस राजेन्द्र सच्चर ने एक नाराजगी भरा पत्र नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू को लिखा। जिसमें उन्होंने यह सवाल उठाया कि भोजन को धर्म के नाम पर बांटना कितना सही है? हालांकि सच्चर को अभी तक एयर इंडिया से कोई जवाब नहीं मिला है।
एयर इंडिया के अधिकारी का कहना है कि हमारा मकसद भोजन को मजहब के आधार पर बांटने का नहीं है। हम तो अपने यात्रियों को ज्यादा विकल्प देना चाहते हैं। कारण यह है कि बहुत से हिन्दू, जो मांसाहारी भोजन करते हैं, वे यह देखते हैं कि मांस झटके का है या फिर हलाल का। जहां मुसलमान सिर्फ हलाल मांस ही खाते हैं, वहीं बहुत से लोग झटका मांस खाना पसंद करते हैं।
हम आपको बताना चाहेंगे कि बाकी निजी एयरलाइनों में इस तरह के विकल्प नहीं हैं। बहरहाल, एयर इंडिया और दूसरी एयरलाइनों में नियमित सफर करने वाले दिल्ली के बिजनेसमैन मनोज सहगल कहते हैं कि कायदे से किसी एयरलाइन को भोजन को मजहब के नाम पर बांटने से बचना चाहिए। बताया जा रहा है कि इस घटना के बाद इंडिया जल्द ही अपने मेन्यू में 'मुस्लिम मील' नाम हटा कर उसकी जगह नॉनवेज मील (हलाल कट) लिख देगा।