वायुसेना प्रमुख भदौरिया ने मिग -21 बाइसन में भरी उड़ान, फ्रंटलाइन एयर बेस का भी जायजा लिया
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के पश्चिमी कमान के फ्रंटलाइन एयर बेस के दौरे पर गुरूवार को पहुंचे वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने रेजीडेंट फाइटर स्क्वाड्रन के साथ मिग -21 बाइसन को उड़ाया। एयर चीफ मार्शल ने मिग- 21 बाइसन विमान में उड़ान भरने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अड्डे की परिचालन तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने बेस पर तैनात स्क्वाड्रनों के कॉम्बैट क्रू और एयरक्रू से भी मुलाकात की।
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वायु सेना ने पश्चिमी कमान के तहत सभी अड्डों को अति सतर्क कर रखा है
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तीन महीने से अधिक समय से चल रहे गतिरोध के मद्देनजर वायु सेना ने पश्चिमी कमान के तहत अपने सभी अड्डों को अति सतर्क कर रखा है। पश्चिमी कमान के तहत संवेदनशील लद्दाख क्षेत्र के साथ-साथ उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों की हवाई सुरक्षा है। वायुसेना ने खुद इसकी जानकारी दी।
वायुसेना प्रमुख भदौरिया ने गुरुवार को पश्चिमी एयर कमांड का दौरा किया
वायुसेना के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए ट्वीट के मुताबिक वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने गुरुवार को पश्चिमी एयर कमांड का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने बेस पर तैयारियों का जायजा लिया और सभी जवानों से बात की।
रूसी मूल का मिग-21 बाइसन एकल इंजन वाला सिंगल सीटर लड़ाकू विमान है
रूसी मूल का मिग-21 बाइसन एकल इंजन वाला सिंगल सीटर लड़ाकू विमान है जो कई दशकों तक भारतीय वायुसेना की रीढ़ था। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में मिग- 21 ने अहम भूमिका निभाई थी।
पिछले सप्ताह वायुसेना के उपप्रमुख एयर मार्शल हरजीत सिंह अरोड़ा ने दौरा किया
पिछले सप्ताह वायुसेना के उपप्रमुख एयर मार्शल हरजीत सिंह अरोड़ा ने क्षेत्र में बल की परिचालन संबंधी तैयारियों का जायजा लेने के लिए पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे कई अड्डों का दौरा किया था। एयर मार्शल सिंह ने दौलत बेग ओल्डी में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अड्डे का भी दौरा किया था जो दुनिया की सबसे ऊंची हवाई पट्टी में से एक है। वह अड्डा 16,600 फुट की ऊंचाई पर स्थित है।
भारत-चीन तनाव चरम के दौरान भी वायुसेना प्रमुख ने लेह-लद्दाख का दौरा किया
इससे पहले भारत और चीन के बीच चल रहा तनाव चरम पर था, तब भी वायुसेना प्रमुख ने लेह-लद्दाख का दौरा किया था। एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने जून में वायुसेना की समग्र तैयारियों की समीक्षा के लिए लद्दाख और श्रीनगर अड्डों की यात्रा की थी। इसके अलावा जब देश में राफेल लड़ाकू विमान आए थे, तब भी अंबाला एयरबेस पर वो मौजूद रहे थे।