सोशल मीडिया के जरिए AIR दरभंगा ने बिहार के बाहर भी मचाई धूम
नई दिल्ली। प्रसार भारती ने ऑल इंडिया रेडियो, दूरदर्शन केंद्र और क्षेत्रीय समाचार की 260 से अधिक यूनिट को ट्विटर पर शुरू कर डिजिटल दुनिया में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। इनमें, बिहार के एक छोटे जिले दरभंगा का ऑल इंडिया रेडियो, सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अधिक तेजी से प्रसार करता दिखाई दे रहा और लोकप्रिय भी हो रहा है। इसके पीछे एआईआर दरभंगा के प्रोग्राम को-ऑर्डिनेटर, 34 साल के रणधीर ठाकुर का बहुत बड़ा योगदान है जिन्होंने सोशल मीडिया के जरिए आज के युवाओं को जोड़ने का काम किया है।
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डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एआईआर दरभंगा को सफल बनाने वाले रणधीर ठाकुर ने 15 सालों तक इंडियन नेवी को अपनी सेवाएं दी हैं और अब एक स्मार्टफोन के जरिए वे एआईआर दरभंगा के साथ युवाओं को हर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जोड़ने का काम कर रहे हैं। वो कहते हैं कि प्रसार भारती के सीईओ के सहयोग के कारण ही आज एआईआर दरभंगा सोशल मीडिया पर लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहा है।
वन इंडिया से बात करते हुए रणधीर ठाकुर ने बताया कि कैसे वो सोशल मीडिया के जरिए लोगों को स्थानीय चीजों के बारे में बताते हैं। वो रेडियो के प्रति अपने लगाव के बारे में बताते हैं और कहते हैं कि इसके प्रति लोगों की रुचि कम हो रही थी। लेकिन अब गांव के इलाकों में लोग रेडियो पर कार्यक्रम सुनना पसंद करते हैं। पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम ने लोगों को फिर से रेडियो के प्रति आकर्षित किया है और अधिकांश लोगों ने धीरे-धीरे रेडियो सुनना शुरू कर दिया है।
Coming soon!!
— All India Radio Darbhanga (@airdarbhanga) September 8, 2018
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वो कहते हैं कि पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान से उनको भी प्रेरणा मिली और उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए बड़े ऑडिएंस तक पहुंचने का काम शुरू किया। वो बताते हैं कि यूट्यूब, साउंडक्लाउड, नए-नए वीडियो और नए-नए तरीकों से लोगों को आकर्षित करते हैं।
रणधीर ठाकुर कहते हैं, 'हम अपने श्रोताओं तक पहुंचने के हर संभव तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं। मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वालों में चीन के बाद भारत का दुनिया दूसरा स्थान है। बिहार में, हर दूसरे व्यक्ति के पास मोबाइल है। हमने इस पर विचार करते हुए पाया कि यदि किसी व्यक्ति के पास मोबाइल है तो उसे हमारे कार्यक्रम के बारे में पता चल जाएगा। 'आउटडोर ब्रॉडकास्ट' कार्यक्रम के दौरान हमने देखा कि लोगों के पास रेडियो नहीं हो सकता है लेकिन उनके पास मोबाइल फोन हैं। इसलिए, हमने उनतक पहुंचने के लिए सोशल मीडिया और नए मीडिया टूल का उपयोग करने के बारे में प्लान किया।'
रणधीर ने बताया, 'हमारे कार्यक्रमों को प्राथमिकता देना बहुत महत्वपूर्ण है। हम सोशल मीडिया पर प्रमोशन से पहले अच्छी तरह से प्लान करते हैं। एयर दरभंगा के लिए अलग सोशल मीडिया टीम नहीं है। मैंने अपने स्मार्टफोन पर दो लोगों की मदद से खुद का काम शुरू किया।' वो कहते हैं कि प्रसार भारती सीईओ और उनके वरिष्ठ साथियों के समर्थन के बिना ये सब संभव नहीं हो पाता।
रणधीर ठाकुर ने बताया कि उनके कार्यक्रमों को लेकर कभी कोई शिकायत नहीं मिली, वो अपने श्रोताओं का ध्यान रखते हैं और उनकी मांगों को पूरा करने के लिए हमेशा प्रयास करते हैं। एआईआर दरभंगा लंबे समय से फेसबुक पर है, लेकिन ट्विटर पर एआईआर दरभंगा ने तीन महीने में अच्छी तरक्की की है। फेसबुक पेज में लाखों लाइक्स हैं। इसके अलावा, साउंडक्लाउड पर, 2900 बार सुना गया है। ट्विटर के उपयोग के लिए उनको बहुत सराहना मिली और अनुभवी रेडियो पत्रकार ने उनके प्रयासों की सराहना की।
सोशल मीडिया के प्रभाव पर रणधीर कहते हैं कि ये सब कार्यक्रम युवाओं के लिए ही नहीं हैं, बल्कि विभिन्न आयु वर्ग के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं। एआईआर दरभंगा उत्तर बिहार के 9 जिले के श्रोताओं तक पहुंचता है। वहीं, सोशल मीडिया और डिजिटल टूल्स के साथ, अब इसने बाहर भी पकड़ बना ली है। बिहार के बाहर, बंगाल और मुंबई से लोगों के ट्वीट आते हैं। हैदराबाद में मौलाना अबुल कलाम विश्वविद्यालय के एक श्रोता ने बताया कि कि मैथिली में हमारे कार्यक्रम को सुनकर कितनी खुशी हुई। बिहार के बाहर के लोग लघु कहानी पसंद करते हैं। स्थानीय चीजों को देश और वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाना ही अब उनका लक्ष्य है।
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