देश की सरकारी हथियार निर्माता कंपनी HAL पर क्यों हो रहा भरोसा कम
नई दिल्ली। देश की सरकारी हथियार निर्माता कंपनी हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (HAL) के कामकाज पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने गुरुवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान जब HAL की ढिलाई पर सवाल खड़े किए, तो एक बार फिर साबित हो गया कि आखिर क्यों केंद्र सरकार HAL को इतनी तवज्जों नहीं दे रही है। सरकार ने राफेल डील में जिस तरह से HAL को दूर किया है, इससे साबित होता है सरकार भी देश की हथियार निर्माता कंपनी से खुश नहीं है।
केंद्र
सरकार
ने
पिछले
साल
नवंबर
में
सुप्रीम
कोर्ट
को
बताया
था
कि
राज्य
के
स्वामित्व
वाली
हिंदुस्तान
एयरोनॉटिक्स
लिमिटेड
कंपनी
राफेल
सौदे
में
ऑफसेट
भागीदार
बनने
में
विफल
रही,
क्योंकि
फ्रांसीसी
कंपनी
दसॉल्ट
के
साथ
कई
अनसुलझे
मुद्दे
थे।
सुप्रीम
कोर्ट
ने
सरकार
ने
दावा
किया
कि
HAL
और
डसॉल्ट
एविएशन
के
बीच
आम
समझ
की
कमी
से
संबंधित
है।
सेना और सरकार कई बार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से HAL पर सवाल खड़े कर चुकी है। दिल्ली में एक सेमिनार में एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने कहा कि IAF ने 1985 में जारी की गई आवश्यकताओं के अनुसार, पहले 20 LCA तेजस विमान की मांग की थी, लेकिन HAL इन 20 में से केवल 10 लड़ाकू विमानों का ही निर्माण कर पाया है।
बता दें कि वर्तमान में, LCA के लिए IAF और HAL के बीच दो अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसमें 20 प्रारंभिक ऑपरेशनल क्लीयरेंस (IOC) स्टैंडर्ड एयरक्राफ्ट और दूसरा 20 फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस (FOC) स्टैंडर्ड एयरक्राफ्ट की खरीद के लिए है। अब तक केवल 10 तेजस विमान ही फोर्स में शामिल हैं। HAL को पिछले साल बाकी 10 (IOC) विमान उपलब्ध कराने थे।