अयोध्या केस: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने क्या कहा
नई दिल्ली: अयोध्या राम मंदिर विवाद पर आज यानी 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। उच्चतम न्यायालय ने विवादित जमीन पर राम मंदिर बनाने का फैसला दिया है वहीं, केंद्र को आदेश दिया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में कहीं भी 5 एकड़ जमीन दी जाए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि, कोर्ट के जजमेंट से हम असंतुष्ट हैं लेकिन न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की नाराजगी जमीन के बंटवारे को लेकर है। बोर्ड ने कहा कि हम फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन इससे संतुष्ट नहीं है। लोगों से अपील है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करें और शांति बनाए रखें। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव एडवोकेट जफरयाब जिलानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, कोर्ट के जजमेंट में बहुत सी बातें संविधान से है। हमारी जमीन को दूसरे पक्ष को दे दिया गया है, न्याय के रूप में सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला हमें स्वीकार नहीं है। हम अपना हक पाने के लिए कानूनी सहारा तलाशेंगे।
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जफरयाब जिलानी ने कहा कि, हम न्यायलय के आदेश से असंतुष्ट हैं और इस पर चर्चा और समीक्षा की जाएगी। बोर्ड ने लोगों से किसी भी तरह का प्रदर्शन नहीं करने के लिए कहा है और सद्भाव बनाए रखने का आग्रह किया है। जिलानी ने कहा कि हम फैसले पर रिव्यू फाइल करेंगे लेकिन धवन साहब के साथ बात करके आखिर फैसला लेंगे। कोर्ट ने सबूत के तौर पर पूजा को माना है लेकिन वही सबूत विवादित जमीन पर मस्जिद होने की बात भी करते हैं। कोर्ट ने खुद इस बात को माना है तो मंदिर को जमीन दे देना कहां का इंसाफ है।