अयोध्या विवाद: मध्यस्थता के फैसले पर जफरयाब जिलानी ने क्या कहा?
नई दिल्ली। सालों से लंबित अयोध्या विवाद को सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के जरिए सुलझाने का फैसला किया है। अयोध्या मामले की मध्यस्थता के लिए सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस खलीफुल्ला की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया है। इस पैनल में जस्टिस खलीफुल्ला (रिटायर्ड) के अलावा आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर और श्रीराम पंचु भी शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और बाबरी मस्जिद एक्शन कमिटी के संयोजक जफरयाब जिलानी का बयान आया है।
बाबरी मस्जिद एक्शन कमिटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने सुप्रीम कोर्ट के मध्यस्थता को लेकर दिए गए फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'हम पहले ही कह चुके हैं कि हम मध्यस्थता में सहयोग को तैयार हैं। अब, इस मामले में हमें जो कुछ भी कहना है, हम मध्यस्थता पैनल से कहेंगे, इसपर बाहर कुछ नहीं कहेंगे।'
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इसके पहले, आज मध्यस्थता पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि तीन सदस्यीय पैनल द्वारा मध्यस्थता की प्रक्रिया शुरू होने पर मीडिया रिपोर्टिंग पूरी तरह से बैन होगी। सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि अदालत की निगरानी में मध्यस्थता की कार्यवाही पूरी तरह से गोपनीय होगी।
AIMPLB member & convener of Babri Masjid Action Committee Zafaryab Jilani, on SC order on Ram Janmabhoomi-Babri Masjid land dispute case: We have already said that we will cooperate in the mediation. Now, whatever we have to say, we will say it to the mediation panel, not outside pic.twitter.com/sEAcBDPP7z
— ANI (@ANI) March 8, 2019
कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थता की प्रक्रिया एक हफ्ते में शुरू होनी है। मध्यस्थता शुरू होने के चार हफ्ते बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक प्रगति रिपोर्ट मांगी है।आठ हफ्ते में मध्यस्थता की प्रक्रिया समाप्त पूरी हो जाएगी और इसके बाद कमेटी को अपनी फाइनल रिपोर्ट सौंपनी होगी। फैजाबाद में अगले हफ्ते मध्यस्थता की प्रक्रिया शुरू होगी। सभी मध्यस्थों को यूपी सरकार हर प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराएगी। इसके पहले की सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले के स्थायी समाधान के लिए कोर्ट मॉनिटर्ड मध्यस्थता की बात की थी।