अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने का विरोध करना पड़ा महंगा, पार्षद को एक साल की जेल
औरंगाबाद। पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के लिए लाए गए प्रस्ताव का विरोध करने वाले औरंगाबाद नगर निगम के पार्षद सैय्यद मतीन राशिद को एक साल के लिए जेल भेज दिया गया है। राशिद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मस्लिमीन (AIMIM) से पार्षद हैं। मतीन को महाराष्ट्र खतरनाक गतिविधियों की रोकथाम कानून (MPDA) के तहत एक साल की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
पिछले हफ्ते औरंगाबाद नगर निगम में दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में प्रस्ताव लाया गया था जिसका सैय्यद मतीन राशिद ने विरोध किया था इसके बाद बीजेपी के पार्षदों ने सदन के अंदर ही उनके साथ मारपीट भी की थी। बीजेपी पार्षदों ने दो समुदायों में वैमनस्य बढ़ाने के आरोप में मतीन के खिलाफ एक शिकायत भी दर्ज कराई थी। मामले में मतीन को 21 अगस्त को जमानत मिल गई थी लेकिन हर्सुल जेल से बाहर आने के चंद मिनट बाद ही औरंगाबाद पुलिस आयुक्त के आदेश के साथ जेल पहुंची और इसके बाद मतीन को दोबारा गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया।
औरंगाबाद के आयुक्त चिरंजीव प्रसाद ने मतीन राशिद को एक साल के लिए जेल भेजने पर कहा कि उन पर दंगा भड़काने, लोगों को हिंसा के लिए उकसाने, सांप्रदायिक सदभाव बिगाड़ने और आगजनी जैसे आरोप लगे हैं और इसलिए पुलिस के पास महाराष्ट्र खतरनाक गतिविधि रोकथाम कानून (MPDA)के तहत कार्रवाई करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा था।
राशिद
का
विवादों
से
रहा
है
नाता
ये
पहला
मौाका
नहीं
है
जब
सैय्यद
मतीन
राशिद
की
हरकतों
से
कोई
विवाद
खड़ा
हुआ
हो,
इससे
पहले
वो
निगम
के
सदन
में
राष्ट्रगान
गाने
से
भी
इनकार
कर
चुके
हैं
जिसे
लेकर
भी
खासा
विवाद
हुआ
था।
औरंगाबाद
से
AIMIM
के
विधायक
सैय्यद
इम्तियाज
जलील
ने
मतीन
के
खिलाफ
पुलिस
के
इस
कदम
की
आलोचना
की
है
और
इसे
बहुत
ज्यादा
सख्त
कदम
कहा
है।
जलील
ने
ये
आरोप
भी
लगाया
कि
पुलिस
मतीन
के
साथ
सदन
में
मारपीट
करने
वाले
बीजेपी
के
सदस्यों
के
खिलाफ
कार्रवाई
में
ढिलाई
बरत
रही
है।