अयोध्या विवाद: मध्यस्थों में श्री श्री रविशंकर के शामिल होने पर क्या बोले ओवैसी?
नई दिल्ली। अयोध्या विवाद पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले को मध्यस्थता के लिए भेज दिया। अयोध्या मामले की मध्यस्थता के लिए सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस खलीफुल्ला की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया है। इस पैनल में जस्टिस खलीफुल्ला (रिटायर्ड) के अलावा आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर और श्रीराम पंचु भी शामिल हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तमाम राजनीतिक दलों की तरफ से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इसपर प्रतिक्रिया दी है।
असदुद्दीन ओवैसी ने मध्यस्थों में श्री श्री रविशंकर का नाम शामिल होने पर अपनी प्रतिक्रिया दी। ओवैसी ने कहा, 'श्री श्री रविशंकर ने पहले कहा था कि अगर मुस्लिम अयोध्या (विवादित भूमि) पर अपना दावा नहीं छोड़ते हैं तो भारत सीरिया बन जाएगा। ये बेहतर होता अगर सुप्रीम कोर्ट ने किसी तटस्थ व्यक्ति को मध्यस्थता के लिए नियुक्त किया होता।' बता दें कि श्री श्री रविशंकर आर्ट ऑफ लिविंग नामक संस्था के संस्थापक हैं। आर्ट ऑफ लिविंग की मदद से कई अस्पताल भी चलाए जाते हैं।
AIMIM Chief Asaduddin Owaisi on SC order in Ayodhya case: Sri Sri Ravi Shankar who has been appointed a mediator had earlier made a statement 'if muslims don't give up their claim on Ayodhya,India will become Syria.' It would've been better if SC had appointed a neutral person. pic.twitter.com/PthrJvYYdY
— ANI (@ANI) March 8, 2019
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वहीं, सुप्रीम कोर्ट द्वारा मध्यस्थता के लिए पैनल गठित करने के फैसले पर बाबरी मस्जिद एक्शन कमिटी के संयोजक जफरयाब जिलानी की प्रतिक्रिया भी आई है। उन्होंने कहा, 'हम पहले ही कह चुके हैं कि हम मध्यस्थता में सहयोग को तैयार हैं। अब, इस मामले में हमें जो कुछ भी कहना है, हम मध्यस्थता पैनल से कहेंगे, इसपर बाहर कुछ नहीं कहेंगे।'
वहीं, इस फैसल पर जस्टिस खलीफुल्ला (रिटायर्ड) की पहली प्रतिक्रिया भी आई है। उन्होंने कहा, 'मैं समझता हूं कि SC ने मेरी अध्यक्षता में एक समिति गठित की है। मुझे अभी तक आदेश की प्रति प्राप्त नहीं हुई है। मैं कह सकता हूं कि यदि समिति गठित की गई है तो हम इस मुद्दे को सुलझाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।'