उत्तर प्रदेश बाल यौन शोषण मामले की जांच के लिए चित्रकूट जाएगी एम्स की फॉरेंसिक टीम
नई दिल्ली। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की फॉरेंसिक टीम उत्तर प्रदेश में सामने आए सिंचाई विभाग के जूनियर इंजिनियर द्वारा 40 नाबालिग लड़कों के यौन शोषण के मामले की जांच के लिए चित्रकूट जा रही है।
नई दिल्ली। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की फॉरेंसिक टीम उत्तर प्रदेश में सामने आए सिंचाई विभाग के जूनियर इंजिनियर द्वारा 40 नाबालिग लड़कों के यौन शोषण के मामले की जांच के लिए चित्रकूट जा रही है। खबर के अनुसार इस मामले के आरोपी पर बाल यौन शोषण और 40 से अधिक नाबालिग लड़कों की पोर्नोग्राफी करने का आरोप है। यह अपनी तरह का पहला मामला है जिसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा आरोपियों की शारीरिक और मानसिक जांच सहित चिकित्सकीय-कानूनी राय के लिए AIIMS को भेजा गया है।
एम्स के डॉक्टरों के अनुसार, आरोपी ने कम से कम 40 लड़कों (5 से 16 साल की उम्र) के नाबालिगों के साथ यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार किया और उनके वीडियो रिकॉर्ड किए और मजे के लिए उन्हें पॉर्न वेबसाइटों पर अपलोड कर दिया। संस्थान के फोरेंसिक विभाग ने फोरेंसिक यूनिट के प्रमुख डॉ. सुधीर गुप्ता की अध्यक्षता में 9 डॉक्टरों का एक मेडिकल बोर्ड गठित किया है। डॉ गुप्ता ने कहा कि, "सीबीआई ने 11 दिसंबर को एम्स फॉरेंसिक विभाग को इस केस के आरोपी की शारीरिक और मानसिक जांच सहित वैध मेडिकल कानूनी राय के लिए भेजा था।
इसे भी पढ़ें: पीएम मोदी के साथ बैठक के बाद सीएम त्रिवेंद्र ने की प्रदेश में कोरोना टीकाकरण व्यवस्था की समीक्षा
आरोपी
ने
कम
से
कम
40
नाबालिक
बच्चों
(5
से
16
साल
की
उम्र)
के
साथ
यौन
उत्पीड़न
और
दुर्व्यवहार
किया
और
उनके
वीडियो
रिकॉर्ड
किए।
हम
क्राइम
की
जगहों
की
आगे
की
जांच
और
पीड़ितों
के
बयान
दर्ज
करने
के
लिए
बुधवार
को
डॉक्टरों
की
एक
टीम
चित्रकूट
भेज
रहे
हैं।"
उन्होंने
आगे
कहा
कि
सरकार
की
सतर्कता
के
कारण
अमेरिका
और
अन्य
यूरोपीय
देशों
में
बाल
पोर्नोग्राफी
की
ऐसी
घटनाएं
सामने
आती
हैं।
डॉ
गुप्ता
ने
कहा,
"एम्स
की
टीम
इस
मामले
में
पीड़ित
बच्चों
का
मेडिकल
परीक्षण
करेगी,
जिसमें
उनके
मनोवैज्ञानिक
और
मानसिक
स्वास्थ्य
की
जांच
और
बच्चों
में
यौन
संक्रमित
रोगों
का
पता
लगाने
के
लिए
उनके
रक्त
के
नमूने
भी
लिए
जाएंगे।
क्या
था
पूरा
मामला
आपको
बता
दें
कि
यह
मामला
उत्तर
प्रदेश
के
बांदा
में
कथित
तौर
पर
40
से
ज्यादा
नाबालिक
बच्चों
का
यौन
शोषण
करने
वाले
सिंचाई
विभाग
के
जूनियर
इंजिनियर
(जेई)
से
जुड़ा
हुआ
है।
आरोपी
ने
40
से
ज्यादा
बच्चों
का
यौन
शोषण
किया
और
उनके
आपत्तिजनक
वीडियो
बनाकर
उन्हें
पॉर्न
साइट्स
को
बेच
दिया।
माना
जा
रहा
है
कि
वह
कथित
तौर
पर
10
वर्षों
से
बच्चों
का
यौन
उत्पीड़न
कर
रहा
है।
आरोपी
ने
बांदा,
चित्रकूट
और
हमीरपुर
के
रहने
वाले
बच्चों
को
अपना
शिकार
बनाया
था।
मामले
का
खुलासा
होने
के
बाद
उसे
विभाग
ने
तुरंत
निलंबित
कर
दिया
था।
फिलहाल
आरोपी
पुलिस
की
हिरासत
में
है
और
सीबीआई
इस
पूरे
मामले
की
जांच
कर
रही
है।