70 मिनट की कोशिशों के बावजूद नहीं बचाई जा सकी सुषमा स्वराज की जान, रो पड़े एम्स के डॉक्टर
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नई दिल्ली। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को मंगलवार की रात देहांत हो गया। दिल का दौरा पड़ने के बाद उनको एम्स अस्पताल लाया गया था, यहां उनको रात 9.26 बजे भर्ती किया गया था। इसके बाद 5 डॉक्टरों की टीम उनके इलाज में जुट गई थी। हालांकि, डॉक्टरों की कोशिश नाकाम रही और सुषमा स्वराज इस दुनिया को अलविदा कह गईं। उनके निधन के बाद इलाज में लगी टीम के दो जूनियर डॉक्टर रो पड़े।
सुषमा को बचाने के लिए 70 मिनट तक जारी रही कोशिश
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 70 मिनट तक सुषमा स्वराज को सीपीआर और हार्ट को पंप करने के साथ-साथ शॉक ट्रीटमेंट भी दिया गया। इसके बाद उनको वेंटीलेटर सपोर्ट दिया गया फिर भी सुषमा स्वराज को बचाया नहीं जा सका। सुषमा स्वराज के अस्पताल में भर्ती होने की खबर के बाद बीजेपी के कई नेता अस्पताल पहुंच चुके थे। इसके कुछ देर बाद उनके निधन की आधिकारिक सूचना आई। पीएम मोदी, राष्ट्रपति, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।
रो पड़े एम्स के डॉक्टर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा- 'भारतीय राजनीति में एक शानदार अध्याय का समापन हो गया। भारत ऐसे नेता के निधन पर शोक व्यक्त करता है, जिन्होंने अपना जीवन सार्वजनिक सेवा और गरीबों के जीवन को समर्पित किया।' केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट किया कि- 'दीदी मुझे आपसे शिकायत है, आपने बांसुरी से कहा था कि वह एक रेस्टोंरेंट ढूंढ़े और मुझे सेलेब्रिटी लंच पर लेकर चले। लेकिन आपने हम दोनों से अपना वादा पूरा नहीं किया।'
सुषमा के निधन से देश में शोक की लहर
सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को हरियाणा के अंबाला में हुआ था, उनके पिता का नाम हरदेव शर्मा और मां का नाम लक्ष्मी देवी था, उनके पिता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख सदस्य रहे थे। स्वराज का परिवार मूल रूप से लाहौर के धरमपुरा क्षेत्र का निवासी था, उन्होंने अम्बाला के सनातन धर्म कॉलेज से संस्कृत और राजनीति विज्ञान में स्नातक किया था। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वे विदेश मंत्री रहीं।