राहत भरी खबर: AIIMS डायरेक्टर का दावा- अब तक भारत में नहीं मिला कोरोना का नया स्ट्रेन
New Corona Strain: भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) की पहली लहर खत्म हो चुकी है, जिस वजह से अब रोजाना के मामलों में भी कमी आ रही। इस बीच ब्रिटेन में एक नई मुसीबत आई है, जहां पर कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन मिला है। ये नया स्ट्रेन पहले वाले कोरोना से ज्यादा खतरनाक है। साथ ही इसके फैलने की क्षमता भी काफी तेज है। मामले की गंभीरता को देखते हुए ब्रिटेन ने अपने यहां लॉकडाउन (Lockdown) लागू कर दिया है। साथ ही वहां से ज्यादातर देशों की उड़ानें भी प्रतिबंधित कर दी गई हैं, लेकिन सवाल अभी भी लोगों के मन में बना हुआ है कि क्या कोरोना के नए स्ट्रेन की भारत में एंट्री हो चुकी है?
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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया (AIIMS Director Randeep Guleria) ने कहा कि अभी कोरोना वायरस के नए म्युटेशन को लंदन और साउथ ब्रिटेन में देखा गया है। ये म्युटेशन जिन इलाकों में है, वहां पर कोरोना के केस काफी तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन वहां पर मरीजों की सीरियसनेस नहीं बढ़ी है। ये नया वायरस एक शख्स से दूसरे में काफी तेजी से जाता है। यही वजह है कि भारत समेत तमाम देशों ने ब्रिटेन से आने वाली फ्लाइटों पर प्रतिबंध लगा दिया है और एयरपोर्ट पर भी काफी सतर्कता बरती जा रही है।
डॉ. रणदीप गुलेरिया के मुताबिक अभी भारत में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन का कोई केस नहीं मिला है। वैसे तो ये राहतभरी बात है, लेकिन अभी सावधानियां ज्यादा बरतने की जरूरत है। इसके लिए जो भी लोग बाहर से आ रहे हैं, उनकी टेस्टिंग की जाए। साथ ही हो सके तो उन्हें आइसोलेट भी किया जाए। उन्होंने कहा कि अब तक भारत में सिर्फ वायरस के पॉजिटिव होने को देखा जाता था, लेकिन अब उसके जेनेटिक सीक्वेंस को देखना भी जरूरी है, खासकर उन लोगों के जो ब्रिटेन से हाल ही में लौटे हैं।
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डॉ. गुलेरिया ने आगे कहा कि भारत ने कोरोना वायरस पर इतनी कड़ी मेहनत की, तब जाकर हालात कंट्रोल में आए। इसी वजह से सभी चाह रहे हैं कि नया स्ट्रेन भारत में ना आए और आ भी गया हो तो फैले ना। उनके मुताबिक पहले भी कोरोना वायरस के कई म्युटेशन का पता चल चुका है, लेकिन ये तेजी से फैल रहा है। इसी वजह से सभी सरकारें परेशान हैं। उन्होंने साफ किया कि किसी इलाके में कोरोना केस ज्यादा आने की वजह वहां की आबादी, लापरवाही भी हो सकती है, लेकिन इसके लिए ज्यादा डेटा पर रिसर्च की जरूरत है। फिलहाल सभी को सावधानियां बरतनी चाहिए।