रूसी वैक्सीन पर एम्स निदेशक गुलेरिया ने उठाए सवाल, 'क्या रूसी वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी है?
नई दिल्ली। रूस द्वारा कोरोना महामारी के खिलाफ एंटी वैक्सीन की घोषणा पर एम्स नई दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने टिप्पणी देते हुए कहा है कि देखना होगा कि रूसी कोरोना वैक्सीन कितना सफल रहा है, क्योंकि हमें गंभीर रूप से देखना होगा कि क्या यह सुरक्षित और प्रभावी है। उन्होंने आगे कहा कि भारत में वैक्सीन के बड़े पैमाने पर उत्पादन की क्षमता है। भारत बायोटेक और ICMR द्वारा संयुक्त रूप से कोवाक्सिन के ह्यूमन ट्रायल के परिणाम भी सुखद आए हैं।
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#WATCH: If Russia's vaccine is successful, then we will have to see critically whether it is safe and effective... India has the capacity for mass production of vaccine: AIIMS Director Randeep Guleria on Russia claiming to have developed vaccine for #COVID19 pic.twitter.com/4LDkXPyLGx
— ANI (@ANI) August 11, 2020
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रूस ने दावा किया कि उसने कोरोना की पहली वैक्सीन तैयार कर ली है
रूस ने दावा किया है कि उसने कोरोना की पहली वैक्सीन तैयार कर ली है। इसकी घोषणा खुद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने की। रूसी समाचार एजेंसी के मुताबिक रूस ने दुनिया की सबसे पहली कोरोना वैक्सीन को रजिस्टर करवा लिया है। राष्ट्रपति पुतिन वैक्सीन की घोषणा करते हुए बताया कि कोरोना वैक्सीन टेस्ट के दौरान सफल साबित हुई है और उनकी एक बेटी को भी वैक्सीन की डोज दिया गया है, जो अब अच्छा महसूस कर रही है।
इजरायल ने भारत को भेजे रोबोट टेलीकॉन्सेलेशन और टेलीमॉनिटरिंग उपकरण
उधर, एम्स निदेशक गुलेरिया ने इजरायल द्वारा भारत को भेजे रोबोट टेलीकॉन्सेलेशन और टेलीमॉनिटरिंग उपकरण पर चर्चा करते हुए कहा कि इजरायल ने भारत के साथ अपनी दोस्ती को और मजबूती दी है। गुलेरिया ने कहा कि भारत और इजरायल के संबंध काफी मजबूत हैं और भारत ने दवाओं और सुरक्षा गियर के साथ इजरायल की मदद की है और अब इजराइल ने भारत को रोबोट टेलीकॉन्सेलेशन और टेलीमॉनिटरिंग उपकरण भेजे हैं।
कोरोना महामारी से लड़ने में काफी सहायक साबित होंगे इजरायली उपकरण
बताया जाता है इजराइल द्वारा भेजे गए उपकरण कोरोना वायरस महामारी से लड़ने में काफी सहायक साबित होंगे, जो अत्याधुनिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित प्रौद्योगिकी से लैस हैं। वैसे, कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में भारत और इजरायल एक-दूसरे की काफी मदद कर रहे हैं। दोनों देश मिलकर कोरोना से लड़ने के लिए एक-दूसरे के साथ नई-नई तकनीक और उपकरणों को भी साझा कर रहे हैं। इसी कड़ी में इजरायल ने भारत को उक्त अत्याधुनिक उपकरण दिए हैं।