एम्स प्रशासन ने पीएम-केयर में स्वैच्छिक दान करने के प्रस्ताव को किया खारिज
नई दिल्ली। एम्स प्रशासन ने पीएम-केयर फंड में दान को स्वैच्छिक करने की रेजिडेंट्स डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) की मांग को ठुकरा दिया है। संस्थान ने आरडीए को प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि, उनके यहां ऑप्ट-इन दान के लिए कोई तंत्र नहीं है। बता दें कि, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के कर्मचारी, डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ अपनी एक दिन की सैलरी पीएम केयर्स फंड में दान करेगा।
आरडीए की मांग के जवाब में एम्स के रजिस्टार की ओर से जारी नोटिस में बुधवार को कहा गया है कि वर्तमान में स्वैच्छिक दान के लिए कोई व्यवस्था नहीं है और ऐसे सभी स्वैच्छिक दान सीधे, चयनित कोष में जाते हैं। एम्स प्रशासन ने पत्र में यह भी कहा गया है कि इस तरह का भी कोई प्रावधान नहीं है कि रेजिडेंट डॉक्टरों से दान लेकर उसका इस्तेमाल पीपीई और स्वास्थ्य कर्मियों को अन्य उपकरण देने के लिए किया जाए। नोटिस में कहा गया है कि आरडीए स्पष्ट करें कि क्या वे इस कोष में दान देना चाहते है या नहीं। संस्थान में स्वैच्छिक दान का कोई प्रावधान नहीं है।
इस पूरे मामले पर एम्स आरडीए के महासचिव डॉ श्रीनिवास राजकुमार ने कहा, पीएम केयर्स में योगदान के संबंध में प्रशासन कह रहा है कि स्वैच्छिक दान का कोई प्रावधान नहीं है। वह यह भी कह रहा है कि धन का इस्तेमाल इस संस्थान में पीपीई के लिए नहीं किया जा सकता है। ऐसे में आरडीए एम्स के पास यही विकल्प बचता है कि वह इसे पूरी तरह से खारिज करें या व्यक्तिगत तौर से इसमें हिस्सा नहीं ले। यह नोटिस एचओडी, केंद्रों के प्रमुखों और आरीडीए के प्रमुख को भेजा गया है।
बता दें कि, एम्स के आरडीए ने अस्पताल प्रशासन को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नागरिक आपात स्थिति सहायता कोष (पीएम केयर्स) में दान को स्वैच्छिक बनाने की मांग की थी। साथ में यह भी मांग की गई थी जो धन एकत्र किया जाए, उसका इस्तेमाल उनके लिए सुरक्षात्मक उपकरण खरीदने के लिए किया जाए। एम्स के पंजीयक ने यह भी स्पष्ट किया कि पीपीई के लिए पर्याप्त धन है और रेजिडेंट डॉक्टरों से इसके लिए पैसे इकट्ठा करने के बजाय पीपीई खरीदने की जरूरत है।
यूपी के 15 जिलों में कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट सील, जानिए किस जिले में कितने हॉटस्पॉट