DMK-AIADMK ने घोषणा पत्र में राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई का वादा
नई दिल्ली: तमिलनाडु में सत्ता मे काबिज एआईएडीएमके और उसकी राजनीतिक प्रतिद्वंदी डीएमके ने मंगलवार को अपना घोषणापत्र जारी किया। लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर दोनों पार्टियों ने ये घोषणापत्र जारी किया। दोनों पार्टियों ने अपना चुनावी घोषणापत्र में राजीव गांधी की हत्या में शामिल सातों दोषियों की रिहाई का वादा किया है। इसमें गौर करने वाली बात ये है कि यूपीए के साथ मिलकर डीएमके राज्य में चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस इस गठबंधन की अगुवाई करने वाली पार्टी है।
राजीव गांधी के हत्यारों पर डीएमके-एआईएडीएमके साथ
गौरतलब है कि 21 मई, 1991 को श्रीपेरंबदुर में एक मानव बम विस्फोट में राजीव गांधी की मौत हुई थी। इसके पीछे एलटीटीई का हाथ था। राजाीव गांधी सरकार ने श्रीलंका में लिबरेशन ऑफ टाइगर ईलम के लड़ाकों से लड़ने के लिए सेना भेजी थी। इसी बात से ये लोग नाराज थे और उन्होंने राजीव गांधी की हत्या की साजिश रची। इस मामले में कुल 26 लोगों को शुरुआत में आरोपी बनाया गया था। इनमें से 19 लोगों को बाद में छोड़ दिया गया। इस मामले के दोषी पेरारिवेलन, मुरुगन, नलिनी, शांतन, रविचंद्रन, जयकुमार और रॉबर्ट प्यास करीब तीन दशक से जेल में हैं। गौरतलब है कि साल 2014 में जयललिता की अगुवाई वाली सरकार ने इन्हें रिहा करने का फैसला लिया था। इसके खिलाफ केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट गई और स्टे ले आई। अब दोनों पार्टियों ने इनकी रिहाई का वादा किया है।
एआईएडीएमके लाई प्रस्ताव
पिछले साल सितंबर 2018 में तमिलनाडु सरकार ने एक प्रस्ताव पारित कर राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को भेजा था, जिसके मुताबिक मामले में जेल में बंद दोषियों को रिहा करने की अनुमति मांगी गई थी। तमिलनाडु में 39 लोकसभा सीटे हैं। यहां सभी लोकसभा सीटों पर दूसरे चरण में मतदान डाले जाएंगे। 18 अप्रैल को राज्य में मतदान होगा। इसी दिन राज्य की 18 विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव होगा।
घोषणापत्र में कई वादे
आईएडीएमके ने अपने घोषणापत्र में जहां गरीब परिवारों को हर महीने 1500 रुपये की नकद सहायता देना का वादा किया है, तो वहीं डीएमके के घोषणापत्र में नोटबंदी 'पीड़ितों' के परिवार को मुआवजा देने का वादा किया गया है। एआईएडीएमके ने 'अम्मा राष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन स्कीम' नाम से योजना शुरू करने का वादा किया, जिसके तहत गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वाले परिवारों को हर महीने 1500 रुपये की आर्थिक सहायता देने का वादा किया गया है। डीएमके ने अपने घोषणापत्र में पुडुचेरी को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने, श्रीलंका से आए शरणार्थियों को नागरिकता दिलाने, मनरेगा के तहत 150 दिन रोजगार की गारंटी देने, प्रदेश के छात्रों का एजुकेशन लोन माफ, राज्य को नीट (सामान्य चिकित्सा परीक्षा) से छूट दिलाने जैसे कई वादे किए हैं।