2015 केस: हार्दिक पटेल और 2 अन्य के खिलाफ राजद्रोह, साजिश के आरोप तय
अहमदाबाद। पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा भड़काने के आरोपी हार्दिक पटेल को राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है। अहमदाबाद में सत्र न्यायालय ने हार्दिक पटेल के खिलाफ राजद्रोह के मामले में आरोप तय किए। इस मामले में हार्दिक पटेल के दो सहयोगियों चिराग पटेल और दिनेश बांभणिया के खिलाफ भी आरोप तय किए गए हैं। साल 2015 में, पाटीदार आरक्षण आंदोलन के बाद गुजरात के कई जिलों में हिंसा भड़क उठी थी।
अहमदाबाद की अदालत ने धारा 124-ए (राजद्रोह) और 120-बी (आपराधिक साजिस) के तहत तीनों के खिलाफ आरोप तय किए। इन तीनों पर आरोप है कि इन्होंने भीड़ को हिंसा के उकसाया ताकि उनकी मांगों को मानने के लिए सरकार पर दबाव बनाया जा सके। इन तीनों ने खुद को निर्दोष बताया और अब जमानत पर बाहर हैं। वहीं, हार्दिक पटेल ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है और अगर जरूरत पड़ी तो वे हाईकोर्ट में इसके खिलाफ अपील भी करेंगे।
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अगस्त 2015 में जीएमडीसी मैदान में पाटीदार आरक्षण रैली के बाद राज्यव्यापी हिंसा भड़क उठी थी। इस मामले में अहमदाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अक्टूबर, 2015 में राहद्रोह का मामला दर्ज कर इसमें हार्दिक पटेल, चिराग पटेल, दिनेश बांभणिया और केतन पटेल के अलावा अल्पेश कथिरिया को आरोपी बनाया था।