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अस्पताल ने कोरोना मरीज को मृत बताकर परिवार को सौंपा शव, अंतिम संस्कार के बाद कहा- जिंदा है पेशेंट

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अहमदाबाद। कोरोना वायरस संकट के बीच कई अस्पतालों में लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं। ताजा मामला गुजरात के अहमदाबाद से प्रकाश में आया है जहां अस्पताल वालों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां अहमदाबाद सिविल अस्पताल ने कोविड-19 रोगी के परिवार को यह बताया कि उनके मरीज की मौत हो गई है। इतना ही नहीं अस्पताल ने परिजनों को एक शव भी सौंपा जिसका उन्होंने अंतिम संस्कार कर दिया। लेकिन अब परिवार वालों को पता चला कि उनका रोगी जिंदा है और वह धीरे-धीरे ठीक हो रहा है।

अहमदाबाद सिविल अस्पताल से हुई लापरवाही

अहमदाबाद सिविल अस्पताल से हुई लापरवाही

बता दें कि गुजरात की राजधानी में स्थित प्रमुख अस्पताल से लापरवाही के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। अहमदाबाद सिविल अस्पताल में इस समय कोरोना वायरस मरीजों का इलाज किया जा रहा है, लेकिन अब हॉस्पिटल को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। अब सवाल यहा है कि जिसका शव उन्होंने रोगी के परिवार को सौंपा था वह कौन था? दरअसल, इस समय अहमदाबाद में कोरोना का कहर चरम पर हैं, कोरोना के कारण कई मौतें भी हो रहीं हैं।

परिवार को दे दिया गलत शव

परिवार को दे दिया गलत शव

अहमदाबाद में स्थित इस अस्पताल को एशिया का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल माना जाता है, यहां कई डॉक्टर और नर्स काम करते हैं। परिवार वालों का आरोप है कि अस्पताल ने पहले बताया कि परिवार के सदस्य देवरामभाई भिसिकर की कोरोना वायरस से मौत हो गई। उन्होंने हमें एक शव भी सौपां जो थैली में बंद थी। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों और एहतियाती उपायों का पालन करते हुए हमने शरीर की थैली को नहीं हटाया और मृतक की पहचान की पुष्टि किए बिना ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया।

अंतिम संस्कार के बाद मरीज मिला जिंदा

अंतिम संस्कार के बाद मरीज मिला जिंदा

परिवार द्वारा द्वारा शव का अंतिम संस्कार करने के बाद ही उन्हें अहमदाबाद के सिविल अस्पताल से सूचित किया जाता है कि देवरभाई अब कोरोना वायरस से ठीक हो रहे हैं। बता दें कि, देवराभाई भीसीकर को संक्रमण के लक्षण दिखने के बाद 28 मई को अहमदाबाद नागरिक अस्पताल के कोविड-19 वार्ड में भर्ती कराया गया था। परिवार के सदस्यों को उनके निधन की सूचना 29 मई की दोपहर को दी गई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया।

अस्पताल ने खुद दी ये जानकारी

अस्पताल ने खुद दी ये जानकारी

उस समय देवराभाई के नमूनों को कोरोना वायरस की टेस्टिंग के लिए भेजा गया था जिसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। हालांकि, एहतियाती उपायों को ध्यान में रखते हुए शरीर का दाह संस्कार करना आवश्यक माना गया, जैसा कि सरकार के निर्देशों के मुताबिक बॉडी बैग को खोलने से बचना था। 30 मई को परिवार के सदस्यों ने मृतक को अपना समझ उसका अंतिम संस्कार कर दिया। उसके कुछ देर बात अहमदाबाद के सिविल अस्पताल से एक फोन आया जिसमें उन्होंने देवराभाई के स्वास्थ्य में सुधार की जानकारी दी।

अभी पता नहीं शख्स जिंदा है या नहीं

अभी पता नहीं शख्स जिंदा है या नहीं

देवराभाई के रिश्तेदार नीलेशभाई ने कहा कि परिवार अभी भी इस बारे में उलझन में है कि उनके परिजन जीवित हैं या नहीं। नीलेशभाई ने कहा कि जब देवराभाई के स्वास्थ्य में सुधार के बारे में फोन आने के बाद परिवार ने 30 मई को अस्पताल से संपर्क किया। दूसरी ओर अस्पताल के डॉक्टर शशांक जे पंड्या ने कहा कि जब मरीज को अस्पताल लाया गया तो उसका शुगर लेवल 500 था और उन्हें सांस लेने में परेशानी थी। इसके कुछ देर बाद मरीज का निधन हो गया। डॉ. पंडित ने कहा कि मरीज की कोविद -19 रिपोर्ट के अनुसार, उसके परिजनों ने एहतियाती दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए शव का अंतिम संस्कार कर दिया।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड: कोरोना से संक्रमित हुए कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, परिवार और स्टाफ के 22 लोगों की भी रिपोर्ट पॉजिटिव

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English summary
AHMEDABAD Hospital confirms corona patient dead body handed over to family found alive after funeral
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