पाला बदलवाने के लिए बीजेपी के इन छह सांसदों पर है विपक्ष की गिद्ध दृष्टि
नई दिल्ली। मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार को संसद में चर्चा होनी है। हालांकि, इससे सरकार को किसी प्रकार का खतरा नजर नहीं आ रहा है। विपक्ष भी इस बात को जानता है कि मोदी सरकार का गिरना मुमकिन नहीं है। लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के लिए यह मौका पॉलिटिकल स्कोर करने हासिल करने के लिए बेहद अहम है। विपक्ष की कोशिश है कि कैसे भी करके एनडीए या बीजेपी में टूट-फूट का संदेश जाए। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी बिल्कुल ऐसा ही करते दिखे। मनीष तिवारी ने कहा, 'देखना रोचक होगा कि कीर्ति आजाद और शत्रुघ्न सिन्हा जैसे सांसद किस तरफ वोट डालते हैं।' वैसे बीजेपी के लिए बढ़ाने मुश्किल बढ़ाने वाले चेहरों में सिर्फ ये दो ही नहीं हैं, चार और सांसद हैं, जिन पर विपक्ष दलों की नजरें गढ़ी हैं।
ये हैं उन 6 सांसदों के नाम
माना जा रहा है कि 6 बीजेपी सांसद ऐसे हैं, जिन पर विपक्ष की नजरें गढ़ी हुई है। इनके नाम हैं- शत्रुघ्न सिन्हा, कीर्ति आजाद, सावित्री बाई फुले, छोटे लाल, राजकुमार सैनी और अशोक दोहरे। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, शत्रुघ्न सिन्हा ने साफ किया है कि वह अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट करेंगे। मतलब यह हुआ कि वह मोदी सरकार के साथ हैं। अब वाकई शुक्रवार को वह ऐसा करते हैं या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा। हालांकि, शत्रुघ्न सिन्हा मोदी सरकार के सबसे बड़े आलोचकों में एक हैं। वह उन नेताओं में हैं, जिन्होंने पार्टी के खिलाफ लंबे समय से बगावत का बिगुल बजा रखा है।
सावित्री बाई फुले खोल चुकी हैं योगी के खिलाफ मोर्चा
बहराइच से बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले भी बीजेपी में बगावत का झंडा बुलंद कर रही हैं। वह दलितों को मुद्दे को लेकर सीधे योगी आदित्यनाथ से टकरा रही हैं। उनके बारे में मीडिया में कई बार ऐसी खबरें भी आईं कि वह पार्टी छोड़ सकती हैं और बसपा का दामन थाम सकती हैं।
सांसद छोटे लाल पीएम मोदी को लिख चुके हैं खत
उत्तर प्रदेश के रॉबर्ट्सगंज से बीजेपी के दलित सांसद छोटेलाल पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर योगी आदित्यनाथ की शिकायत कर चुके हैं। सांसद छोटेलाल ने चिट्ठी में दावा किया कि वह शिकायत लेकर सीएम योगी से दो बार मिले, लेकिन उन्होंने डांट कर भगा दिया।
सैनी तो कर चुके हैं अलग पार्टी बनाने का ऐलान
हरियाणा के कुरुक्षेत्र से बीजेपी के टिकट पर लड़कर जीते राजकुमार सैनी तो अपनी अलग पार्टी तक बनाने का ऐलान कर चुके हैं। ऐसे में विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव के दौरान इन पर भी नजरें लगाए हुए है।
शिवसेना ने ऐना मौके पर मारा यू-टर्न
कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों की कोशिश है कि कैसे भी करके एनडीए में टूट-फूट का संदेश जाए। वहीं, बीजेपी का प्रयास है कि एनडीए एकजुट दिखे। शुरुआत में ऐसा लग रहा था कि शिवसेना अविश्वास प्रस्ताव के दौरान बीजेपी को झटका दे सकती है, लेकिन गुरुवार को अमित शाह का एक फोन जाने के बाद उद्धव ठाकरे के तेवर बदल गए और उन्होंने अपने सांसदों को व्हिप जारी करते हुए सरकार का साथ देने का ऐलान कर दिया।