अगस्ता वेस्टलैंड केस: राजीव सक्सेना का अप्रूवर स्टेटस खत्म करने की ईडी की अर्जी नामंजूर
अगस्ता वेस्टलैंड केस: राजीव सक्सेना का अप्रूवर स्टेटस खत्म करने की ईडी की अर्जी खारिज
नई दिल्ली। अगस्ता वेस्टलैंड मामले में राजीव सक्सेना के अप्रूवर स्टेटस खत्म करने की ईडी की अर्जी को स्पेशल अदालत ने खारिज कर दिया है। प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत से अपील की थी कि राजीव सक्सेना को इस केस में अप्रूवर ना बनाए रखा जाए। ईडी ने इसके पीछे तर्क दिया था कि सक्सेना जानबूझकर पूरे खुलासे नहीं कर रहा है और जांच एजेंसी को गुमराह कर रहा है। इस मामले पर गुरुवार को विशेष अदालत ने सुनवाई करते हुए राजीव सक्सेना के अप्रूवर स्टेटस खत्म करने की अपील को खारिज कर दिया।
3600 करोड़ रुपए के अगुस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर मामले से जुड़े धन शोधन मामले में राजीव सक्सेना भी आरोपी हैं। मनी लॉड्रिंग के मामले में ईडी राजीव सक्सेना को दुबई से गिरफ्तार कर लाई थी। वो इस डील में बिचौलिए थे, अब वो सरकारी गवाह बन गए हैं। राजीव सक्सेना दुबई स्थित दो कंपनियों- यूएचवाई सक्सेना और मैट्रिक्स होल्डिंग के निदेशक हैं। अगुस्ता वेस्टलैंड मामले में ईडीकी ओर से दायर आरोपपत्र में उनका नाम आरोपियों में शामिल है।
अगस्ता वेस्टलैंड केस में राजीव सक्सेना के साथ उनकी पत्नी शिवानी भी आरोपों का सामना कर रही हैं। दोनों दुबई की कंपनी यूएचवाई सक्सेना एंड मैट्रिक्स होल्डिंग के निदेशक हैं। आरोप है कि इस कंपनी का हेलीकॉप्टर सौदे में लांड्रिंग करने में इस्तेमाल किया गया।
क्या है अगस्ता वेस्टलैंड मामला
यूपीए सरकार ने फरवरी 2010 में यूके की कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के साथ 12 हेलिकॉप्टरों की खरीद को लेकर एक डील साइन की थी। ये हेलिकॉप्टर भारतीय एयरफोर्स के लिए खरीदे जाने थे, जिनमें से 8 का इस्तेमाल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य वीवीआईपी की उड़ान के लिए किया जाना था। डील की लागत 3600 करोड़ तय की गई थी। 2014 में कॉन्ट्रेक्ट की शर्तें पूरी न होने पर और 360 करोड़ रुपए के कमीशन के भुगतान के आरोपों के बाद भारत ने इस कॉन्ट्रैक्ट को खारिज कर दिया। जिस वक्त करार पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया। उस वक्त भारत 30 फीसदी भुगतान कर चुका था और तीन अन्य हेलिकॉप्टरों के लिए आगे के भुगतान की प्रक्रिया चल रही थी। विवाद सामने आने पर रक्षा मंत्रालय ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। पूरे प्रकरण में पूर्व वायुसेना प्रमुख समेत कई अधिकारियों के नाम सामने आए थे। सीबीआई के अलावा ईडी भी इसमें जांच कर रही है।
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