कृषि बिलः किसानों, सहयोगियों और विरोधियों को शांत करने के लिए अनाजों की MSP बढ़ा सकती है सरकार
नई दिल्ली। लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों पास चर्चित कृषि बिल पर सोमवार यानी आज होने जा रही केंद्रीय कैबिनेट मीटिंग में सरकार किसानों और सहयोगी दलों को शांत करने के लिए अनाजों की मिनिमम सपोर्ट प्राइज यानी एमएसपी को बढ़ाने का फैसला ले सकती है। राज्यसभा पास कृषि बिल पास होने के बाद खासकर पंजाब और हरियाणा में किसानों के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए सरकार यह कदम उठा सकती है। राज्यसभा में कृषि बिल पास होने के बाद राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए बिल भेज दिया गया है।
APMC
मुद्दे
पर
चिदंबरम
ने
कहा,
पीएम
मोदी
ने
तोड़-मरोड़कर
पेश
किया
कांग्रेसी
घोषणा
पत्र
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कृषि बिल को लेकर मोदी सरकार से अलग हो गई थी अकाली दल
गौरतलब है कृषि बिल को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच एनडीए सहयोगी शिरोमणि अकाली दल इसके खिलाफ खड़ी हो गई थी और केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल अकाली दल कोटे की खाद्य और प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर ने इस्तीफा दे दिया था। हालांकि सरकार ने विपक्ष के विरोध के बावजूद फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशनल एंड फैसिलिटेशन) बिल 2020 और फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोडक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइज एश्योरेंस और फॉर्म सर्विस बिल 2020 राज्यसभा में रविवार को पास करवा लिया था।
गेहूं की MSP 1840 से बढ़ाकर 1925 रुपए प्रति क्विंटल करने की सिफारिश
रिपोर्ट के मुताबिक 2019-20 के लिए गेहूं की एमएसपी 1840 रुपए क्विंटल थी, जिसे बढ़ाकर 1925 रुपए प्रति क्विंटल करने की सिफारिश की गई है। वहीं, जौ की एमएसपी 1440 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1525 रुपए प्रति क्विंटल करने की सिफारिश की गई है, जबकि चने की एमएसपी 4620 रुपए से बढ़ाकर 4875 प्रति क्विंटल करने की सिफारिश की गई है।
एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि दालों में होने की संभावना है
माना जा रहा है किएमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि दालों में होने की संभावना है। दालों की एमएसपी में 7.3 फीसदी की वृद्धि की सिफारिश की गई है। हालांकि रबी एमएसपी का ऐलान आमतौर पर अक्टूबर के मध्य में किया जाता है, लेकिन कृषि बिल को लेकर उठी भ्रांतियों को शांत करने के लिए सरकार सितंबर में इसकी घोषणा कर सकती है। रबी फसल के अंतर्गत गेहूं, सरसों और दालों की फसल आती है।
किसानों ने 25 सितंबर को बिल के विरोध में बंद का आह्वान किया है
उल्लेखनीय है दोनों सदनों में कृषि संबंधित तीन बिलों के पास होने के बाद पंजाब और हरियाणा के सैकड़ों किसानों ने कहा है कि आने वाले दिनों में कई जगह विरोध प्रदर्शन करेंगे। आगामी 25 सितंबर को दोनों राज्यों में बिल के विरोध में बंद का आह्वान किया जा चुका है। विपक्ष का दावा है कि किसानों को डर है कि बिल अंततः एमएसपी की अवधारणा को समाप्त कर देंगे, जबकि सरकार बार-बार दोहरा चुकी हैं कि एमएसपी प्रणाली को छुआ तक नहीं जाएगा और किसानों की उपज की सरकारी खरीद जारी रहेगी।